चेन्नई। श्रीहरिकोटा से आज ठीक 7 बजे आठवां देशी नौवहन उपग्रह IRNSS1H छोड़ा गया. 29 घंटे की उल्टी गिनती की प्रक्रिया कल दोपहर दो बजे शुरू हुई थी. ‘मिशन रेडीनेस रिव्यू’ (एमआरआर) समिति और लॉन्च ऑथराइजेशन बोर्ड (एलएबी) ने 29 अगस्त को उल्टी गिनती की मंजूरी दे दी थी.
प्रक्षेपण वाहन पीएसएलवी सी39 इस उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए पीएसएलवी के ‘एक्स एल’ प्रकार का उपयोग किया जिसमें छह स्ट्रैप ऑन्स लगे हैं. हर स्ट्रैप ऑन अपने साथ 12 टन प्रणोदक ले गया. कुल 44.4 मीटर लंबे पीएसएलवी सी39 की यह 41वीं उड़ान रही. यह अपने साथ आज शाम सात बजे 1,425 किग्रा वजनी उपग्रह ले कर गया.
इसका प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा स्पेस पोर्ट के दूसरे लॉन्च पैड से किया गया. इसरो ने छह छोटे और मध्यम उद्योगों के एक समूह के साथ मिल कर इस उपग्रह का निर्माण और परीक्षण किया है.
ISRO launches navigation satellite IRNSS-1H carried by PSLV from Sriharikota in Andhra Pradesh pic.twitter.com/MBacvOwFp0
— ANI (@ANI) August 31, 2017
तारामंडल में मौजूद सात उपग्रहों में से एक आईआरएनएसएस1ए के लिए आईआरएनएसएस 1एच की भूमिका एक बैकअप नौवहन की होगी क्योंकि इसकी तीन रीबिडियम परमाणु घड़ियों ने काम करना बंद कर दिया है. ‘‘इंडियन रीजनल नेवीगेशन सैटेलाइट सिस्टम ’’ (आईआरएनएसएस) एक स्वतंत्र क्षेत्रीय प्रणाली है जिसका विकास भारत ने अमेरिका के जीपीएस, रूस के ग्लोनास और यूरोप द्वारा विकसित गैलिलियो के मुताबिक किया है.
यह प्रणाली भूभागीय और समुद्री नौवहन, आपदा प्रबंधन, वाहनों पर नजर रखने, बेड़ा प्रबंधन, हाइकरों और घुमंतुओं के लिए नौवहन सहायता और चालकों के लिए दृश्य और श्रव्य नौवहन जैसी सेवाओं की पेशकश करती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका नाम ‘‘नाविक’’ (एनएवीआईसी-नेवीगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन) रखा था.
इसरो ने सात उपग्रहों का प्रक्षेपण किया है। इनमें से आईआरएनएसएस 1जी का प्रक्षेपण 28 अप्रैल 2016 को किया गया. आईआरएनएसएस 1एफ का प्रक्षेपण 10 मार्च 2016 को किया गया. आईआरएनएसएस 1ई का प्रक्षेपण 20 जनवरी 2016 को किया गया. आईआरएनएसएस 1डी का प्रक्षेपण 28 मार्च 2015 को किया गया. आईआरएनएसएस 1सी का प्रक्षेपण 16 अक्तूबर 2014 को किया गया. आईआरएनएसएस 1बी का प्रक्षेपण चार अप्रैल 2014 को किया गया और आईआरएनएसएस 1ए का प्रक्षेपण एक जुलाई 2013 को किया गया था. इसरो के अधिकारियों के अनुसार, सभी सात उपग्रहों की लागत 1,420 करोड़ रुपये है.
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