अमेरिका में कश्मीर के शिव दर्शन पर वार्ता करेंगे शिवम् श्रीवास्तव

रायबरेली। विश्व को भारतीय आध्यात्म का सन्देश देने रायबरेली जनपद के शिवम् श्रीवास्तव एवं जर्मनी के डा॰ क्रिष्चियन हैकबर्थ जाॅनसन अमेरिकन एकेडेमी अॅाफ रिलीजन (ए॰ए॰आर॰) के आमंत्रण पर संयुक्त राज्य अमेरिका गए हैं। वहाँ बाॅस्टन शहर में होने वाले त्रिदिवसीय अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन में शिवम् श्रीवास्तव अपना शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। अमेरिकन एकेडेमी अॅाफ रिलीजन विभिन्न धर्मों के विष्वविख्यात दार्षनिकों, विद्वानों एवं षिक्षकों की अग्रणी वैष्विक संस्था है  18-21 नवम्बर, 2017 के मध्य आयोजित सम्मेलन में सम्पूर्ण विष्व के अनेकों विद्वान सहभागिता एवं विचार विमर्ष करने आ रहे हैं। इस सम्मेलन में षिवम् भारतीय आध्यात्म से विस्मृत हो रहे ‘कष्मीर के त्रिका षैव दर्शन पर अपना व्याख्यान देंगे।

शिवम् श्रीवास्तव ने पूर्व में आई॰आई॰टी॰ कानपुर से बी॰टेक॰ एवं कोलम्बिया विष्वविद्यालय, न्यूयार्क से एम॰पी॰ए॰ की उपाधि अर्जित की है। कालान्तर में प्राचीन भारतीय दर्षन में जिज्ञासा ने उनकी अभिरुचि एवं अध्ययन को नयी दिषा दी और वे आध्यात्मिक परम्पराओं की खोज में 2013 में भारत वापस आ गए। उनका मानना है कि आध्यात्मिक विकास ही मनुष्य का मुख्य कर्तव्य और धर्म है। जीवन में आध्यात्म का अभाव ही समाज में अनेकों विकृतियों को जन्म दे रहा है। इसलिए मूल भारतीय आध्यात्म को पुर्नजीवित करना परम आवष्यक है। वर्तमान में षिवम् आॅस्ट्रिया के साल्ट्ज़बर्ग विष्वविद्यालय में भारत एवं यूरोप के अंर्तधर्म वैचारिक समन्वयन पर जर्मनी और आॅस्ट्रिया के प्रोफेसरों के साथ मिलकर षोध कर रहे हैं। गत चालीस वर्षाें से भारत में कार्यरत आॅस्ट्रिया में जन्मी संस्कृत की मूर्धन्य विद्वान, अभिनवगुप्त षोध पुस्तकालय, सम्विदालय, वाराणसी की निदेषिका, डा॰ बेटिना बाउमर भी इस कार्य में अपना अमूल्य योगदान कर रही हैं जिन्हें षिक्षा में सराहनीय योगदान के लिए भारत सरकार ने ’पदमश्री ’ उपाधि से सम्मानित भी किया है।