नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. स्पेशल सेल ने बांग्लादेश के रहने वाले अल कायदा के कथित आतंकवादी को पकड़ा है. गिरफ्तार शख्स का नाम रजा उल अहमद है. बताया जा रहा है कि अहमद की तलाश पश्चिम बंगाल पुलिस को भी थी.
अहमद को फिलहाल पश्चिम बंगाल पुलिस के हवाले कर दिया गया है. देश भर की पुलिस और खुफिया एजेंसियां आईएस और अल कायदा नेटवर्क पर पैनी नजरें बनाए हुए हैं. ऐसा बताया गया है कि अहमद नेपाल भागने की फिराक में था. उसके खिलाफ फेक करेंसी रैकेट का मामला दर्ज किया गया है. पिछले हफ्ते यूपी एटीएस ने भी इस गुट से जुड़े एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया था.
संदिग्ध आतंकी अंसार बांग्ला गुट से जुड़ा बताया जा रहा है है. अंसार बांग्ला आतंकी गुट बांग्लादेश में प्रतिबंधित है. पुजारियों की हत्याओं के पीछे इसी गुट का हाथ सामने आया था. भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा की सक्रियता के पीछे भी यही गुट बड़ा कारण है. सुरक्षा एजेंसिया इस बात की भी जांच कर रही हैं कि क्या इस गुट के सदस्यों के लिए भारत में फर्जी पासपोर्ट और आधार की व्यवस्था की गई है.
बता दें कि इससे पहले इसी हफ्ते उत्तर प्रदेश के देवबंद से यूपी एटीएस ने बांग्लादेशी आतंकवादी अब्दुल्ला को गिरफ्तार किया था. आतंकी अब्दुल्ला का साथी फैजान फरार हो गया. फैजान के कमरे से उर्दू और बांग्ला जेहादी साहित्य के अलावा बगदादी का घोषणा पत्र, बम बनाने की किताब, आतंक और आईएसआई से जुड़ा साहित्य बरामद हुआ था. इसके अलावा एटीएस ने कई अन्य तरह का आपत्तिजनक सामान बरामद किया है.
संदिग्ध फैजान के कमरे से ATS ने अलकायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) का तीसरा संस्करण भी बरामद हुआ है. IQIS के प्रमुख असीम उम्र की किताब भी इसके पास से बरामद हुई है. एटीएस को मिली जानकारी के मुताबिक अब्दुल्ला ने 2011 से 2015 तक मुजफ्फरनगर और देवबंद के कई मदरसों में मौलवी और अरबी की पढ़ाई की है. इसी साल 2011 में वह बांग्लादेश से भारत आया था और गुपचुप तौर पर दारूल उलूम के पास रहने लगा था.
अब्दुल्लाह ने पूछताछ के दौरान बताया, ‘बांग्लादेश के कई युवक पढाई के नाम पर त्रिपुरा, असम और पश्चिम बंगाल के रास्ते अवैध रूप से यहां हिन्दुस्तान आ जाते हैं और फिर दलाल या अन्य लोगों की मदद से यहां का पहचान पत्र बनवा लेते हैं.’ प्रवक्ता के मुताबिक अब्दुल्लाह ने बताया कि वह स्वयं भी 2011 में त्रिपुरा सीमा से होकर आया था.
इन गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ कर सुरक्षा एजेंसियां भारत में आतंक फैलाने के नापाक मंसूबों की कड़ी जोड़ने की कोशिश कर रही है. पिछले साल भी हैदराबाद समेत कई शहरों में आईएसआईएस और अलकायदा के आतंकी नेटवर्क पर कार्रवाई हुई थी और कई संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई थी.
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