सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देश की बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस अब लखनऊ से भी पलायन कर कर नॉएडा या इंदौर में शिफ्ट हो सकती है।
नई दिल्ली : आईटी सेक्टर में काम करने वालों की मुसीबतों का दौर ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देश की बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस अब लखनऊ से भी पलायन कर कर नॉएडा या इंदौर में शिफ्ट हो सकती है।
टीसीएस के कुछ कर्मचारियों ने नाम न बताने की शर्त पर इंडिया संवाद को बताया कि शुक्रवार को टीसीएस सीईओ और सीओओ मुखमंत्री योगी आदित्यनाथ के आईटी मामलों के सेक्रेटरी से मिलने वाले थे लेकिन मुलाकात हुए बिना उन्होंने कर्मचारियों में यह ऐलान कर दिया कि अब लखनऊ से टीसीएस का पलायन निश्चित है। जिसके बाद कर्मचारी सहमे हुए हैं।
इससे पहले टीसीएस लखनऊ के दो हजार कर्मचारियों को मौखिक रूप से सभी काम को दिसम्बर तक समेटने को कहा गया था। जिसके बाद आईटी प्रोफेशनल्स और कर्मचारियों ने इसके खिलाफ ट्विटर पर मुहीम भी छेड़ी थी। इसके बाद कर्मचारियों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से भी मिला था। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि वे किसी भी हालत में टीसीएस को जाने नहीं देंगे।
लखनऊ को आईटी हब बनाने की दिशा में यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कुछ साल पहले आईटी SEZ की आधारसिला भी रखी थी। लखनऊ में लगभग 400 कॉलेज के छात्र इसी कारण लखनऊ में आते थे कि टीसीएस में उनका सिलेक्शन हो जायेगा।यही नहीं लखनऊ में टीसीएस में काम कर रहे लगभग 2000 कर्मचारी यहाँ अपने परिवारों के साथ जम चुके थे। सूत्रों का कहना है कि कई ऐसे लोग भी थे जो अमेरिका, कनाडा और अन्य देशों से आकर टीसीएस लखनऊ का हिस्सा बने थे।
ख़बरों की माने तो प्रमुख रतन टाटा ने दिसंबर 2015 में अपने प्रदेश दौरे के समय तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव को भरोसा दिलाया था कि प्रदेश के विकास में टाटा हर संभव सहयोग करेगी। इस संबंध में दोनों तरफ के आला अधिकारियों ने एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए थे।
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