भारतीय महिला क्रिकेट टीम की नजरें इंग्लैंड के खिलाफ विश्व कप फाइनल जीतकर पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने पर होगी. यह मुकाबला क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स में आज दोपहर 3 बजे से शुरू होगा. मिताली की अगुवाई वाली टीम वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब होती है तो भारत, ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरा ऐसा देश बन जाएगा जिसकी पुरुष और महिला दोनों टीमों ने 50 ओवर का क्रिकेट वर्ल्ड कप अपने नाम किया होगा.
तब थे कपिल देव अब हैं मिताली
महिला वर्ल्ड कप के पिछले टूर्नामेंट में भारतीय टीम सातवें स्थान पर रही थी. इस बार इतिहास ने अपने आप को दोहराया और साल 2005 की तरह भारतीय महिलाओं ने वर्ल्ड कप के फाइनल में कदम रख दिया है. यह वही मैदान हैं जहां 1983 में भारत पुरुष टीम ने वेस्टइंडीज को हराकर भारत को पहला वर्ल्ड कप जिताया था. तब कपिल देव ने यह कारनामा किया था. आज इसी भूमिका में मिताली राज है.
मिताली के लिए इतिहास रचने का मौका
भारतीय महिला टीम अगर यह मुकाबला जीत जाती है, तो महिला वर्ल्ड कप के 44 साल के इतिहास में वह पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनेगी. इसी के साथ ही टीम इंडिया की कप्तान मिताली राज के पास भारतीय क्रिकेट (महिला और पुरुष) के इतिहास में कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी के बाद वर्ल्ड चैंपियन कप्तान बनने का मौका है. कपिल देव ने भारत को 1983 और महेंद्र सिंह धोनी ने 2011 में वर्ल्ड चैंपियन बनाया था. अगर मिताली टीम इंडिया को चैंपियन बना देती हैं, तो इतिहास के सुनहरे पन्नों में उनका नाम दर्ज हो जाएगा.
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