
नई दिल्ली
देश में तकनीकी विकास होने के कारण सस्ते इंटरनेट बैंकिंग आधारित ट्रांजैक्शन और इससे कारोबारी कुशलता बढ़ने से आने वाले पांच-छह वर्षो में बैंकों की शाखाएं बंद हो सकती हैं। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने यह संभावना जताई है। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि उनके विचार से अगले पांच-छह वर्षो में बैंक शाखाओं का बच पाना खासा मुश्किल हो जाएगा। बैंक शाखाओं का परिचालन खासा खर्चीला पड़ता है। ऑनलाइन बैंकिंग के खर्च के मुकाबले बैंक शाखा का परिचालन बहुत ज्यादा है।
फानेंशियल टेक्नोलॉजी यानी फिनटेक क्षेत्र की स्टार्ट अप कंपनियां अत्यंत कम कीमत पर डाटा एनालिसिस की सुविधा दे रही हैं। इसके आधार पर उपयुक्त ग्राहकों को कर्ज दिया जा सकता है। मोबाइल फोन और इंटरनेट बैंकिंग आधारित ट्रांजैक्शन का विस्तार होने से फिनटेक कंपनियों के लिए आंकड़ों का विश्लेषण और कर्ज देने के लिए अच्छी क्रेडिट रेटिंग वाले ग्राहकों को कर्ज देना और आसान हो रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत में ऐसा विकास हो रहा है कि अमीर बनने से पहले वह डाटा स्पीड और यूसेज के लिहाज से ‘अमीर’ हो रहा है।
Read more at:Jagran
Leave a Reply
You must be logged in to post a comment.