मध्य भारत में बीते लंबे समय से प्री-मॉनसून वर्षा का इंतज़ार बना हुआ है। महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र, पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ भागों में लू का प्रकोप जारी है। इस बीच मध्य प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों में कहीं-कहीं मौसम ने करवट ली है। इंदौर और उज्जैन जैसे दक्षिण-पश्चिमी जिलों में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। जहानाबाद में हुई तेज़ बारिश के साथ कहीं-कहीं ओलावृष्टि की भी खबरें हैं। इन भागों में अगले 2 दिनों तक ऐसी गतिविधियां जारी रह सकती हैं।
इस समय राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है और इस सिस्टम से एक ट्रफ रेखा पश्चिमी मध्य प्रदेश तक पहुँच रही है। इन सिस्टमों के चलते अरब सागर से राज्य के पश्चिम और दक्षिणी भागों पर आर्द्र का प्रवाह बढ़ गया है जिसके चलते बादल बन रहे हैं और कहीं-कहीं वर्षा की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। हालांकि इस बदलाव से गर्मी से विशेष राहत की उम्मीद नहीं है बल्कि बढ़ी उमस के चलते मौसम और परेशान कर सकता है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह सिस्टम अगले 24 से 48 घंटों तक इसी तरह से सक्रिय रहेंगे और कहीं-कहीं हल्की वर्षा देते रह सकते हैं। दक्षिण और पश्चिमी जिलों विशेषकर इंदौर, उज्जैन, सीहोर, देवास, रतलाम, मंदसौर, नीमच, बुरहानपुर और खंडवा में 24 और 25 मई को कहीं-कहीं गरज के साथ प्री-मॉनसून वर्षा हो सकती है। कहीं-कहीं तेज़ हवाएँ चलने और ओले पड़ने की भी संभावना है। हालांकि स्काइमेट के वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ महेश पालावत के अनुसार यह गतिविधियां दोपहर बाद या शाम के समय होंगी जिससे तेज़ गर्मी से विशेष राहत की अपेक्षा कम ही है।
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