इजरायल के बॉर्डर पर सैनिक नहीं ये रोबो गार्ड करता है पहरेदारी, ऐसे करता है काम

नई दिल्ली (4 जुलाई): हिंदुस्तान में आतंकी हमले के पीछे सबसे बड़ी वजह है जम्मू-कश्मीर में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से आतंकियों की घुसपैठ। कुछ इस तरह ही लेबनान, सीरिया और फिलिस्तीन से आतंकी इजरायल में घुसपैठ करते थे। आतंकी साजिश के चलते बॉर्डर पर इजरायली सैनिकों को जान गवानी पड़ती थी। ऐसे में खतरे से निपटने के लिए इजरायल ने बॉर्डर पर दहशतगर्दों का दम निकालने के लिए नया कवच इजाद किया। बॉर्डर पर अदृश्य पहरेदारों की तैनाती की। भारत भी इजरायल से कुछ इसी तरह की तकनीकी लेकर पाकिस्तान पर नकेल कसना चहता है।

इजरायल में अब दुश्मनों का घुसना लगभग नामुमकिन है। आप ये जानकर दंग रह जाएंगे कि बीते कुछ सालों में

इजरायल ने अपने बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर लिया है। नतीजा ये हुआ कि साल 2014 में जहां घुसपैठ के 1200 मामले सामने आए थे तो साल 2015 में सिर्फ 213 और 2016 में आकड़ा सौ के नीचे पहुंच चुका है।

इजरायल में अगर दहशतगर्द घुसपैठ नहीं कर पाते है तो उसकी वजह है बॉर्डर के चप्पे-चप्पे पर तैनात इजरायल के रोबो गॉड्स। एक हजार इंसानी आंखों से भी ज्यादा पैनी नजरें है इजरायल के एक आंख वाले इस पहरेदार की। यह फौजियों की तरह पैरों पर चल नहीं सकता, लेकिन क्या मजाल है कि इसके सामने बम-बारूद और हथियारों से लैस कोई दहशतगर्द इजरायल की सरजमी पर कदम रख सके।

बॉर्डर का ये पहरेदार इजरायल को आतंकी दुश्मनों से बचाकर रखता है। बॉर्डर सिक्योरिटी के मामले में दुनिया के तमाम देश स्मॉर्ट फेंसिंग तक पहुंच सके है, लेकिन इस मामले में इजरायल दूसरे मुल्कों से एक-दो नहीं बल्कि हजार कदम आगे है। क्योंकि 50 साल बाद बॉर्डर की सुरक्षा जैसी होती, ठीक वैसी ही सुरक्षा इजरायल ने अभी इजाद कर रखी है रोबो गॉड्स की शक्ल में।

जी हां, यही खासियत इजरायल के बॉर्डर की निगरानी करने वाले रोबो गार्ड की। जब से बॉर्डर पर इजरायल ने पहरेदारी का जिम्मा इन रोबो गाड्स को सौंपा है, उस दिन से दहशतगर्द इजरायल की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखते। इजरायल के दुश्मन बखूबी जानते है कि फौज को एक बार चकमा दे सकते है, लेकिन रोबो गार्ड को नहीं।

बॉर्डर का ये रखवाला कितने काम है इसका अंदाज आप इस बात से लगा सकते हैं। रोबो गार्ड में इंसानी चेहरों को पहचानने वाले संसर लगे हैं। संदिग्धों या मोस्टवॉन्टेड आतंकी को फौरन पहचान लेगा रडार। सरहद पार से आने वाले खतरे को पहले ही भांप लेता है। रडार से मोर्टार या मिसाइल हमले का पता लग जाता है। रोबो गार्ड की मूवमेंट के दौरान रडार संग्दिध खतरे से निपटता है। वही एंटीना बॉर्डर फोर्स को कंट्रोल रूम से जोड़कर रखता है, कैमरा 360 एंगल पर घूमकर हर मूवमेंट को कैद करता है।

अब आप समझ गए होंगे कि आखिर इजरायल के बॉर्डर पर घुसपैठ करना क्यों असंभव है। इजरायल के इस रक्षक की खासियत और भी ज्यादा है। बॉर्डर का इजरायली पहरेदार अंडग्राउंड सुरंग और आईईडी को भी पकड़ सकता है। फौजियों की पेट्रोलिंग के बिना भी इजरायरल के बॉर्डर पर किसी भी खतरे को भांपने की क्षमता है, वो भी लाइव वीडियो के जरिए। रोबो गार्ड कई सेंसर से लैस है, जैसे चेहरा पहचाने वाला। यानी हम ये जान सकते हैं कि कोई शख्स बॉर्डर पर कितनी बार आया।

जाहिर है रोबो गार्ड में मौजूद फेस आइडेंटिफिकेशन सेंसर बहुत काम का फीचर है। यानी खूंखार आतंकी और मोस्टवॉटेड के चेहरों को देखते ही रोबो गार्ड पहचान लेता है और फिर ये मैसेज कंट्रोल रूम तक पहुंच जाता है। कंट्रोल रूम में मैसेज फ्लैश होते ही इजरायल की कॉम्बेट टीम का काम शुरू होता है। यानी बॉर्डर की तरफ बढ़ने वाले खतरे का खात्मा और भारत भी कुछ इसी तरह की तकनीकी का इस्तेमाल पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश के बॉर्डर पर करना चाहता है। पाकिस्तान की सीमा पर बाड़ लगाने से जुड़ी तकनीक के लिए भारत इज़राइल से मदद ले रहा है और इस नई तकनीक का आयात कर रहा है। इसे और भी ज्यादा कारगर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजरायल यात्रा रोबो गार्ड जैसी टेकनोलॉजी की तरफ पहला कदम हो सकता है।

 

read more- news24