अनुकूल मौसम के चलते इस बार आम की बेहतर पैदावार की संभावना है। कृषि और निर्यात से जुड़े लोगों का मानना है कि फलों की गुणवत्ता भी इस बार अच्छी हो सकती है। इस परिदृश्य के बीच एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवेलपमेंट अथॉरिटी यानि एपिडा ने अनुमान लगाया है कि इस वर्ष भारतीय आम का निर्यात बढ़कर 50 हज़ार टन के स्तर को पार कर सकता है।
बृहस्पतिवार को एपिडा के एक अधिकारी के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में भारत ने कुल 45,730 टन आम का निर्यात किया था। इस वर्ष मार्च से अप्रैल के बीच अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश, तूफानी हवाएँ और ओलावृष्टि जैसी मौसमी घटनाएँ कम हुई हैं जिससे अनुमान है कि भारतीय आम की इस बार ना सिर्फ गुणवत्ता अच्छी होगी बल्कि उत्पादन भी बढ़ेगा।
इस महीने भारत ने अब तक 200 टन आम का निर्यात कर लिया है। आने वाले दिनों में फलों के राजा आम की आवक और बढ़ेगी जिससे निर्यात भी ज़ोर पकड़ेगा। अब तक निर्यात किए गए आम की खेप सबसे अधिक अमरीका के लिए गई है जहां 131 टन आम निर्यात किया गया है। पश्चिमी एशिया को 42 टन और यूरोपीय देशों को 18 टन आम का निर्यात हुआ है। भारतीय आम के कोरिया जैसे नए खरीददारों के जुडने से भी आम के निर्यात में बढ़ोत्तरी की संभावना है। एपिडा के अनुसार न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और कोरिया के लिए इस बार आम का अधिक निर्यात किया जा सकता है।
भारत के दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों से आम की आवक शुरू हो चुकी है। अब तक मुख्यतः अल्फान्सो, केसर और बेगनपल्ली जैसी लोकप्रिय आम की किस्में आ रही हैं और इन्हीं क़िस्मों का निर्यात हुआ है। आने वाले दिनों में आम की आवक और बढ़ेगी जिससे निर्यात भी ज़ोर पकड़ेगा
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