‘ग्रुप एम’ (GroupM) के सीईओ (साउथ एशिया) और ‘डब्ल्यूपीपी’ (WPP) के कंट्री मैनेजर सीवीएल श्रीनिवास का कहना है कि पिछले साल विज्ञापन खर्च में हमें मात्र दस प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखने को मिली थी। यह पिछले पांच वर्षों में सबसे कम थी, लेकिन देश में टीवी का प्रदर्शन अभी भी बेहतर चल रहा है। यही नहीं आने वाले तीन वर्षों में लोगों तक पहुंच के मामले में टीवी सबसे बड़ा माध्यम होगा।
‘प्राइम टाइम अवॉर्ड्स नाइट’ में विभिन्न ब्रॉडकास्टर्स और मीडिया एजेंसियों को संबोधित करते हुए श्रीनिवास ने एडवर्टाइजिंग की दुनिया के कुछ ट्रेंड्स और इसमें बढ़ोतरी करने वाले प्रमुख कारणों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि आज के समय में विज्ञापन पर खर्च के मामले में अन्य किसी मार्केट के मुकाबले भारत सबसे तेजी से बढ़ता हुआ मार्केट है। श्रीनिवास ने कहा, ‘यदि हम चीन की बात करें तो पिछले साल टीवी पर विज्ञापन खर्च में नौ प्रतिशत तक की कमी आई है। यूके में टीवी पर विज्ञापन खर्च में पिछले वर्ष के मुकाबले एक प्रतिशत तक की कमी हुई है। मेट्रो मार्केट में विज्ञापन खर्च में एक से दो प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है और भारत में तो यह दो अंकों में बनी हुई है।’
उनका कहना था, ‘जैसा कि हम सभी जानते हैं कि जब टीवी पर विज्ञापन खर्च की बात होती है तो इसमें फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) का सबसे ज्यादा योगदान होता है। इसका योगदान करीब 50 प्रतिशत होता है, वहीं आठ प्रतिशत के साथ ई-कॉमर्स नंबर दो पर रहता है।’
देश में कुल विज्ञापन खर्च की बात करें तो टेलिविजन पर यह 45 प्रतिशत और डिजिटल पर 15 प्रतिशत है। ऐसे में कुल विज्ञापन खर्च में टीवी और डिजिटल का योगदान मिलाकर यह 60 प्रतिशत है। यह आने वाले तीन से चार वर्षों में 80 प्रतिशत तक हो जाएगा। इसमें डिजिटल पर विज्ञापन खर्च में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
टीवी और डिजिटल का जिक्र करते हुए श्रीनिवास ने कहा कि इन दोनों माध्यमों ने इंडस्ट्री में अच्छी भूमिका अदा की है। उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि डिजिटल के आने से टीवी की व्युअरशिप कम हुई है। बार्क(BARC) के आंकड़ों के अनुसार, टीवी का इस्तेमाल पूर्ववत बना हुआ है।’
श्रीनिवास ने कहा कि इंडस्ट्री में डिजिटाइजेशन ने अहम भूमिका अदा की है और इसका सबस्क्रिप्शन रेवेन्यू बढ़ रहा है। आने वाले कुछ वर्षों में ब्रॉडकास्ट माध्यम में 14 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की उम्मीद भी उन्होंने जताई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगले साल इसमें और मजबूती आएगी।
कार्यक्रम में श्रीनिवास का कहना था, ‘पहुंच के मामले में टीवी और डिजिटल के बीच अभी काफी अंतर है लेकिन अगले दो-तीन वर्षों में यह दूरी काफी कम हो जाएगी। भारत काफी अलग मार्केट है, यहां सभी को ग्रोथ के अनुसार आंका जाता है।’
श्रीनिवास के अनुसार, ‘फ्री टू एयर (FTA) चैनलों पर विज्ञापन खर्च में 17-18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। ‘एचडी चैनलों’ (HD channels) में यह दर कम है। एक तरफ एफटीए चैनल हैं तो दूसरी तरफ एचडी चैनल और यह दोनों मिलकर इस माध्यम की ग्रोथ को और आगे बढ़ाएंगे।’
‘बार्क’ द्वारा जल्द ही जारी किए जाने वाले ‘डिजिटल मीजरमेंट सिस्टम’ (EKAM) की चर्चा करते हुए श्रीनिवास ने कहा, ‘आने वाले दिनों में एक चीज और खास होगी कि हमें वही संस्था डिजिटल रेटिंग देगी जो टीवी रेटिंग जारी करती है। मुझे लगता है कि इससे काफी बदलाव आएगा।’ इसके अलावा उन्होंने टेलिकॉम के क्षेत्र में चल रही प्रतिस्पर्धा का जिक्र करते हुए कहा कि आने वाले तीन वर्षों में निश्चित रूप से टीवी इंडस्ट्री की दशा बदल जाएगी। आखिर में श्रीनिवास ने कहा कि ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री के लिए आने वाले तीन वर्ष काफी अहम हैं और इसका काफी विकास होगा।