नयी दिल्ली , 26 दिसंबर 2022 एनिमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक (एवीजीसी) टास्क फोर्स ने एवीजीसी सेक्टर के एकीकृत संवर्धन और विकास के लिए बजट परिव्यय के साथ एक राष्ट्रीय एवीजीसी-एक्सआर मिशन का आह्वान किया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को सौंपी गई एक विस्तृत रिपोर्ट में, सूचना एवं प्रसारण सचिव की अध्यक्षता वाली टास्क फोर्स ने भारत और विश्व के लिए भारत में कंटेंट के सृजन पर विशेष ध्यान देने के साथ ‘क्रिएट इन इंडिया’ अभियान शुरू करने की भी सिफारिश की है।
मोटे तौर पर 4 श्रेणियों के तहत वर्गीकृत टास्क फोर्स की मुख्य सिफारिशें इस प्रकार हैं:
ए. वैश्विक पहुंच के लिए घरेलू उद्योग का विकास
i. एवीजीसी क्षेत्र के एकीकृत संवर्धन और विकास के लिए बजट परिव्यय के साथ एक राष्ट्रीय
एवीजीसी-एक्सआर मिशन बनाना।
ii. भारत और दुनिया के लिए भारत में कंटेंट सृजन पर विशेष ध्यान देने के साथ ‘क्रिएट
इन इंडिया’ अभियान का शुभारंभ!
iii. भारत को एवीजीसी के लिए वैश्विक केंद्र बनाने के लक्ष्य को लेकर, एक अंतर्राष्ट्रीय एवीजीसी मंच स्थापित करने के साथ-साथ गेमिंग एक्सपो सहित एफडीआई, सह-उत्पादन संधियों और नवाचार पर जोर देना।
iv. एवीजीसी क्षेत्र के लिए स्किलिंग, शिक्षा, उद्योग विकास और अनुसंधान एवं नवाचार में एक अंतरराष्ट्रीय संदर्भ बिंदु बनने के लिए एवीजीसी क्षेत्र के लिए एक राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित करना। स्थानीय उद्योगों तक पहुंच प्रदान करने और स्थानीय प्रतिभा व कंटेंट को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारों के सहयोग से क्षेत्रीय राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना करना।
बी. जनसांख्यिकीय लाभांश प्राप्त करने के लिए टैलेंट इकोसिस्टम विकसित करना
i. स्कूल स्तर पर समर्पित एवीजीसी पाठ्यक्रम सामग्री के साथ रचनात्मक सोच विकसित करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लाभ उठाना, मूलभूत कौशल का निर्माण करना और करियर विकल्प के रूप में एवीजीसी के बारे में जागरूकता पैदा करना।
ii. मानक पाठ्यक्रम और विश्व स्तर पर मान्यताप्राप्त डिग्री के साथ एवीजीसी केंद्रित यूजी/पीजी पाठ्यक्रम शुरू करना। एवीजीसी से संबंधित पाठ्यक्रमों (अर्थात, एमईएससी द्वारा एमईसीएटी) के लिए प्रवेश परीक्षा का मानकीकरण करना।
iii. इस दशक में एवीजीसी क्षेत्र में 20 लाख कुशल पेशेवरों की मांग को ध्यान में रखते हुए, एमईएससी के तहत एवीजीसी क्षेत्र के लिए कौशल संबंधी पहल को बढ़ावा दिया गया है। गैर-मेट्रो शहरों और पूर्वोत्तर राज्यों के छात्रों के लिए रोजगार के अवसर और समायोजन सुनिश्चित करने के लिए उद्योगजगत की भागीदारी को बढ़ाना।
iv. अटल टिंकरिंग लैब्स की तर्ज पर शैक्षणिक संस्थानों में एवीजीसी एक्सेलेरेटर्स और इनोवेशन हब स्थापित करना।
सी. भारतीय एवीजीसी उद्योग के लिए प्रौद्योगिकी और वित्तीय व्यवहार्यता को बढ़ाना
i. एमएसएमई, स्टार्ट-अप और संस्थानों के लिए सदस्यता-आधारित मूल्य निर्धारण मॉडल को बढ़ावा देकर एवीजीसी तकनीकों को लोकप्रिय बनाना।
ii. अनुसंधान एवं विकास और बौद्धिक संपदा के सृजन के लिए प्रोत्साहन योजनाओं के माध्यम से एवीजीसी प्रौद्योगिकियों के लिए मेड इन इंडिया, एवीजीसी हार्डवेयर निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए पीएलआई योजना का मूल्यांकन करना।
iii. एवीजीसी क्षेत्र में कारोबारी सुगमता को बढ़ाना, जैसे कर लाभ, आयात शुल्क, चोरी पर अंकुश लगाना आदि।
iv. अनुसंधान एवं विकास और स्थानीय बौद्धिक संपदा के निर्माण की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एवीजीसी उद्यमियों को तकनीकी, वित्तीय और बाजार पहुंच संबंधी सहायता को लेकर स्टार्ट-अप इंडिया का लाभ प्रदान करना।
डी. समावेशी विकास के माध्यम से भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ाना
i. विश्व स्तर पर भारतीय संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के लिए भारत भर से घरेलू कंटेंट निर्माण के लिए एक समर्पित उत्पादन कोष स्थापित करना। प्रसारकों द्वारा उच्च गुणवत्ता वाली स्वदेशी कंटेंट के लिए प्रतिबद्धता का मूल्यांकन करना।
ii. एक समावेशी भारत के लिए, भारत के टीयर 2 और 3 कस्बों व गांवों में युवाओं के लिए कौशल विकास और उद्योग पहुंच को लक्षित करना। एवीजीसी क्षेत्र में महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन स्थापित करना।
iii. बच्चों एवं युवाओं के बीच भारत की समृद्ध संस्कृति और इतिहास के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्थानीय बाल चैनलों को बढ़ावा देना।
iv. डिजिटल दुनिया में बाल अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ढांचा स्थापित करना।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा की अध्यक्षता में एवीजीसी टास्क फोर्स का गठन किया गया था, ताकि उद्योग और सरकार के प्रमुख हितधारकों के साथ भारत में एवीजीसी क्षेत्र की पूरी क्षमता का लाभ उठाने में मदद मिल सके। संबद्ध केंद्रीय मंत्रालयों- जैसे कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव इस टास्क फोर्स के सदस्य थे। इसमें कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना की राज्य सरकारों के सदस्य, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद जैसे शैक्षिक संगठनों के प्रमुख और उद्योग संगठनों- एमईएससी, फिक्की और सीआईआई के प्रतिनिधि भी शामिल थे।
इसके अलावा, टास्क फोर्स में एवीजीसी सेक्टर के अग्रणी उद्योग प्रमुख सदस्य के रूप में शामिल थे, जैसे – टेक्नीकलर इंडिया के कंट्री हेड बीरेन घोष, पुनर्युग आर्टविजन प्रा. लिमिटेड के संस्थापक श्री आशीष कुलकर्णी, अनिब्रेन के संस्थापक और सीईओ जेश कृष्ण मूर्ति, सीओओ और वीएफएक्स प्रोड्यूसर, रेडचिलीज वीएफएक्स केतन यादव, व्हिस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी श्री चैतन्य चिंचलीकर, जिंगा इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और कंट्री हेड श्री किशोर किचिली और हंगामा डिजिटल मीडिया एंटरटेनमेंट के प्रबंध निदेशक और सीईओ श्री नीरज रॉय।
अपने संबंधित क्षेत्रों में लक्षित क्रियाकलापों के माध्यम से विकास की रणनीति तैयार करने के लिए चार उप-कार्य बलों का गठन किया गया था, ए) सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अपूर्वा चंद्रा की अध्यक्षता में उद्योग और नीति; बी) एआईसीटीई के तत्कालीन अध्यक्ष अनिल सहश्रबुद्धे की अध्यक्षता में शिक्षा; सी) कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के तत्कालीन सचिव श्री राजेश अग्रवाल की अध्यक्षता में स्किलिंग और; डी) सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री विक्रम सहाय की अध्यक्षता में गेमिंग। उनकी सिफारिशें टास्क फोर्स की समेकित रिपोर्ट का आधार बनी हैं।
केंद्रीय बजट ने एवीजीसी पर एक टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की थी ताकि हमारे बाजारों और वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए घरेलू क्षमता का निर्माण करने के लिए क्रियाकलाप की पहचान की जा सके।
टास्क फोर्स प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने का एक प्रयास है, क्योंकि एवीसीजी-एक्सआर क्षेत्र युवाओं को रोजगार के अपार अवसर प्रदान कर सकता है, जो वैश्विक बाजार की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं और भारतीय प्रतिभा इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकती है।केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने चिन्हित किया है कि एवीजीसी क्षेत्र भारत में मीडिया एंड एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के लिए विकास के एक प्रमुख इंजन के रूप में काम कर सकता है और इस बात पर जोर दिया कि इस क्षेत्र के विकास के उच्च आर्थिक प्रभाव,दुनिया के लिए संस्कृति,विदेश में रहने वाले भारतीय समुदाय को भारत से अधिक मजबूती से जोड़ने, गुणवत्ता वाले प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने और पर्यटन और अन्य संबद्ध उद्योगों को लाभ पहुंचाने के अलावा,इस क्षेत्र में भारतीय संस्कृति के बेहतर प्रसार और प्रचार की क्षमता भी है। @फोर्थ इंडिया न्यूज़ टीम
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