प्रमुख सचिव ने एसटीएफ को बताया था कि केंद्रीय सचिवालय नई दिल्ली का अधिकारी बता कर अलग-अलग नामों से फोन करके संपत्ति की जांच कराने की धमकी देकर लाखों रुपये की मांग की जा रही है। विजय यादव के अलावा भी कई और विधान परिषद सदस्यों और विधान सभा सदस्यों ने ऐसी ही शिकायत की थी।
एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए अपर पुलिस अधीक्षक एस आनन्द को लगाया गया था।
इस मामले में मौर्या को शनिवार को पत्रकारपुरम चौराहे पर पैसे के साथ बुलाया गया था। एसटीएफ ने अधिशासी अभियंता के जरिए ही ठगों को ट्रैप करने की योजना बनाई और गोमतीनगर से तीन अभियुक्तों को पैसे लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार किए गए युवकों का नाम बस्ती निवासी कमलेश शर्मा उर्फ पिन्टू, फैजाबाद निवासी करूणेश तिवारी और लखनऊ के मानकनगर निवासी अशोक कुमार सिंह उर्फ लल्लू शामिल है।
इनके पास से एसटीएफ ने 4,16,500 रुपये नगद, 12 प्री एक्टिवेटेड वोडाफोन कंपनी का सिम कार्ड, एक अदद फजी वोटर आईडी कार्ड, सात मोबाइल फोन, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और हरियाणा सूचना विभाग की डायरेक्ट्री बरामद की है।
यह लोग राज्य की सूचना विभाग की डायरेक्ट्री से नंबर निकाल कर मंत्रियों, विधायकों, और जिलों में तैनात अधिकारियों को फोन उनके खिलाफ शिकायत और जांच की बात कह कर पहले डराते थे और फिर जांच बंद कराने के नाम पर पैसों ऐंठते थे।
जो नंबर पर सूचना विभाग की डायरेक्टरी में नहीं होते थे उनके नंबर संबंधित जिलों के जिलाधिकारी कार्यालय से हासिल कर लिए जाते थे।
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि यह गिरोह महत्वपूर्ण विभागों के पदाधिकारियों, सीएमओ, विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, डीएफओ, ईओ, डीपीआरओ, अधिशासी अभियन्ता जैसे पद पर बैठे लोगों को चिन्हित कर इनके नंबरों पर खुद को केन्द्रीय एवं प्रदेश शासन का अनुसचिव बताकर अधिकारी के खिलाफ प्रचलित जॉच की धमकी देकर मामला निपटाने की एवज में धनराशि की मांग करता है।
धनराशि तय हो जाने के बाद सम्बन्धित व्यक्ति को एक निश्चित स्थान पर बुलाया जाता है और उससे धनराशि वसूल ली जाती है।
पिछले एक सप्ताह में इस गिरोह ने कन्नौज, मैनपुरी, बरेली, सोनभद्र, भदोही, औरैया के विभिन्न अधिकारियों को अपना शिकार बनाकर 5 से 7 लाख रूपये तक धनराशि वसूल की है। बरामद की गई धनराशि भी इसी सप्ताह में वसूली गयी धनराशि का हिस्सा है।
गिरफ्तार अभियुक्तों ने यह भी बताया कि उनके द्वारा विधान परिषद सदस्य विजय यादव सहित प्रदेश के कई राजनेताओं को कॉल करके उनसे इसी प्रकार धनराशि वसूली का प्रयास किया गया है।
पूछताछ में यह भी पता चला कि इस गिरोह ने जिलाधिकारी रिवाड़ी, हरियाणा व जिलाधिकारी, बुलन्दशहर को भी अपना शिकार बनाने का प्रयास किया था, जिस पर इन अधिकारियों ने मुकदमा दर्ज कराया था।
ठगी से कमाई रकम को प्रापर्टी में करते थे निवेश
अमित पाठक ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि इस गिरोह के सरगना कमलेश शर्मा ने इस धन्धे के बल पर फैजाबाद में 30 लाख रूपये कीमत का एक मकान व 10 लाख रूपये कीमत का एक प्लॉट लिया है।
इसके अलावा बस्ती में 15 लाख रुपये की कीमत की एक बीघा जमीन, नई एक्सयूवी कार, जाईलो कार व कई महंगी मोटरसाईकिलें भी खरीदी हैं। अमित पाठक ने बताया कि एसटीएफ को इसके अन्य साथियों की भी तलाश है। साथ ही प्री एक्टिवेटेड सिम उपलब्ध कराने वाले डीलर को भी एसटीएफ तलाश रही है।
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