नई दिल्ली: जिस समय करगिल युद्ध चरम पर था, उस वक्त भारतीय वायुसेना के एक लड़ाकू पायलट ने वह स्थिति पैदा कर दी थी कि परमाणु हथियारों से लैस दोनों पड़ोसियों के बीच बाकायदा युद्ध छिड़ जाने की आशंका पैदा हो गई थी. भारतीय वायुसेना के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि करगिल युद्ध के दौरान एक लड़ाकू पायलट ने गलती से पाकिस्तान के एक सैन्य अड्डे को निशाने पर ले लिया था और उस पर बम बरसाने को तैयार था, लेकिन उसके वरिष्ठ अधिकारियों ने उसे वापस बुला लिया.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक 24 जून 1999 की इस घटना से परमाणु हथियारों से लैस दोनों देशों के बीच पूर्ण युद्ध छिड़ने की आशंका थी. दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ और तत्कालीन सेनाप्रमुख परवेज़ मुशर्रफ उस वक्त उसी सैन्य अड्डे में या उसके आसपास मौजूद थे.
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