नई दिल्ली – कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के छापे को लेकर बुधवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। शिवकुमार वही शख्स हैं, जो बेंगलुरु के इगलटन होटल में ठहरे 40 से ज्यादा कांग्रेसी विधायकों के मेजबान हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि ये छापे राजनीतिक दुश्मनी निकालने के लिए मारे गए हैं। हंगामा कर रहे सांसदों ने वेल में आकर उप सभापति पीजे कुरियन के सामने जमकर नारेबाजी की। वे ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ और ‘सरकारी तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगा रहे थे।
राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होते ही वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आनंद शर्मा ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करके राजनीतिक विरोधियों का दमन करना चलन बन गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आईटी, सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके विपक्ष को डराने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बुधवार को आईटी के छापे की टाइमिंग और जगह पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जिस मंत्री के यहां छापे मारे गए, वह और उनके भाई विधायकों की देखरेख का काम देख रहे थे। शर्मा के मुताबिक, यह छापा टार्गेट करने का तरीका है। इस तरह से सरकार ने यह मेसेज दिया है कि एक व्यक्ति जो कांग्रेस पार्टी के लिए काम कर रहा है, उसे निशाना बनाया गया।
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