
नई दिल्ली – बाजार में नकली प्लास्टिक के अंडों की मौजूदगी से जुड़ी खबरें आ रही हैं। इससे पहले अक्टूबर 2016 में भी खबर आई थी कि केरल के बाजारों में ये नकली अंडे बिक रहे हैं। कई लोग इन्हें ‘चाइनीज अंडे’ भी कह रहे हैं। इन अंडों को खाने से सेहत बनेगी तो नहीं, उल्टे बहुत नुकसान हो सकता है। आइए जानतें है कैसे बनते हैं ये अंडे और असली और नकली के बीच कैसे करें अंतर….
कैसे बनता है प्लास्टिक का अंडा
सोडियम अल्जिनेट को गर्म पानी में मिलाकर फिर इस मिश्रण में जलेटिन, ऐलम और बेन्जोइक मिलाया जाता है। इस मिश्रण से नकली अंडा तैयार किया जाता है। अंडे के पीले और सफेद हिस्से दोनों को बनाने में यही मिश्रण इस्तेमाल होता है। पीले हिस्से के लिए बस मिश्रण में थोड़ा पीला रंग मिला दिया जाता है। अंडे का छिलका बनाने के लिए कैल्शियम क्लोराइड का इस्तेमाल किया जाता है।
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