कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह श्रद्धांजलि देने के लिए बुधवार को नागौर के सांरवदा गांव में राजपूत समाज के हजारों लोग जुटे थे. एनकाउंटर मामले की जांच सीबीआई से कराने सहित अन्य चार मांगों को लेकर देखते ही देखते श्रद्धांजलि सभा हिंसक प्रदर्शन में बदल गई. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई इस झड़प में नागौर पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख समेत 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए और दो अन्य पुलिसकर्मी अभी लापता हैं.
जयपुर: राजस्थान के नागौर में गैंगस्टर आनंदपाल एनकाउंटर मामला तूल पकड़ चुका है. बुधवार को आनंदपाल सिंह के लिए आयोजित श्रद्धांजलि सभा के बाद स्थानीय लोगों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया. देखते ही देखते इस प्रदर्शन ने हिंसक रुप ले लिया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की एक गाड़ी फूंक दी और एक जगह रेलवे ट्रैक भी उखाड़ दिया. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई इस झड़प में 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए. फिलहाल हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. तनाव को देखते हुए राजस्थान के नागौर, बीकानेर और चुरू में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है. आपको बता दें कि कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह को 24 जून को कथित पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था.
देखते ही देखते हिंसक प्रदर्शन में बदल गई श्रद्धांजलि सभा
कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह श्रद्धांजलि देने के लिए बुधवार को नागौर के सांरवदा गांव में राजपूत समाज के हजारों लोग जुटे थे. एनकाउंटर मामले की जांच सीबीआई से कराने सहित अन्य चार मांगों को लेकर देखते ही देखते श्रद्धांजलि सभा हिंसक प्रदर्शन में बदल गई. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई इस झड़प में नागौर पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख समेत 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए और दो अन्य पुलिसकर्मी अभी लापता हैं.
मौके पर भारी तादाद मे आए युवकों में से कुछ ने कानून और व्यवस्था को भंग करते हुऐ भारी उत्पात मचाया. उग्र लोगों ने सांवराद रेलवे स्टेशन पर न सिर्फ रेलवे ट्रैक को उखाड़ दिया बल्कि बुकिंग काउंटर पर भी तोड़फोड़ और आगजनी की. भीड़ ने नागौर के एसपी परिस देशमुख की गाड़ी को भी आग लगा दी. यही नहीं उत्पाती लोगों ने दो पुलिस गार्डों के हथियार भी छीन लिए.
हिंसक प्रदर्शन में करीब 20 लोग जख्मी
ये हंगामा करीब दो घंटे तक चला और इस दौरान करीब 20 लोग जख्मी हो गए. इनमें ज्यादातर पुलिस वाले ही थे. तीन युवकों लालचंद, महेन्द्र सिंह और नंद सिंह के साथ खेमराज नाम के पुलिसकर्मी की हालत गंभीर होने पर जयपुर रेफर कर दिया गया. लांलचंद नाम के युवक की जयपुर ले जाने के दौरान रास्ते में मौत हो गई. वहां बाकियों की हालत गंभीर बताई गई है. पुलिस ने राजपूत और रांवणा राजपूत समाज के संघर्ष समिति के सदस्यों पर गैरजिम्मेदार होने का आरोप लगाया है. बताया जा रहा है कि एक पुलिस वाला अभी लापता है जबकि उसकी फटी हुई वर्दी ही बरामद हुई है.
इस मामले में राजनीति भी तेज हो गई है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट प्रतापगढ़ पहुंचे. जहाँ उन्होंने आनंदपाल एनकाउंटर को लेकर बयान दिया. एनकाउंटर के बाद बिगड़ी स्थिति पर उन्होंने कहा कि “आनंदपाल एनकाउंटर के बाद जो हालात पैदा हुए हैं, उसका कौन ज़िम्मेदार हैं? दो हफ्ते से ज्यादा हो गए हैं, कर्फ्यू लग रहा है. बैन लग रहा है. अब चाहिए कि मुख्यमंत्री मामले का समाधान करे.’
हालात को काबू करने के लिए पुलिस को करना पड़ा लाठीचार्ज
राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड ऑर्डर) एन आर के रेड्डी के मुताबिक श्रीकरणी राजपूत सेना द्वारा आयोजित कार रैली में आए लोगों पर उस समय लाठीचार्ज करना पड़ा जब उत्तेजित प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया. जिसके बाद हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसुगैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया लेकिन वह हिंसा पर उतारू होने लगे, जिसके चलते पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
उन्होंने बताया कि लाठी भाटा जंग में घायल हुए लोगों में नागौर पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख समेत छह पुलिसकर्मी शामिल हैं. अन्य घायल प्रदर्शनकारी हैं. घायल पुलिसकर्मियों में से दो को नाजुक हालत में जयपुर के अस्पताल भेजा गया है जबकि शेष को नागौर के नजदीक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. दो पुलिसकर्मी अभी लापता हैं जिनकी तेजी से तलाश की जा रही है.
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