भारत के ग्रामीण इलाके में यातायात की व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने महिला स्वयंसेवी समूहों (एसएचजी) की मदद लेने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि इस साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना का शुभारम्भ किया जाएगा जिसमें महिलाओं की अहम भूमिका होगी। भारत के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव अमरजीत सिन्हा ने बताया कि ये योजना पहले देश के 250 ब्लॉक में लागू की जाएगी जिनमें माओवाद प्रभावित क्षेत्र भी शामिल हैं। इन महिला स्वयंसेवी समूहों को सरकार ब्याज मुक्त लोन दिया जाएगा और 10-12 सवारी क्षमता वाली मिनी-बस चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सिन्हा ने बताया कि मोदी सरकार इस योजना का विस्तार ग्रामीण भारत की पांच लाख किलोमीटर लम्बी सड़कों तक करना चाहती है जिन पर किसी न किसी तरह का सार्वजनिक यातायात उपलब्ध है। पूरे देश में 32 लाख महिला स्वयंसेवी समूह हैं जिनमें 3.8 करोड़ महिलाएं सदस्य है। इनमें से कई को केंद्र सरकार इस योजना में शामिल करेगी। केंद्र सरकार पहले चरण में उन महिला स्वयंसेवी समूहों को जोड़ेगी जो ग्रामीण भारत के उन इलाकों में हैं जहां सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था नहीं है।
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