नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज उम्मीद जतायी कि रेलवे की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिये उठाये गये कदमों का ज़मीनी असर साढ़े तीन से चार साल में दिखने लगेगा और तब रेलवे की सेवाओं में गुणात्मक सुधार आने के साथ साथ बैलेंस शीट भी दुरुस्त हो जायेगी।
श्री प्रभु ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ के वार्षिक सम्मेलन में एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि रेलवे की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिये पारंपरिक परिचालन में सुधार लाने के साथ साथ दो मोर्चाें पर तेज़ी से काम करने की जरूरत है।
पहला- लागत में कमी लाना और दूसरा गैर किराया-भाड़ा राजस्व बढ़ाना।
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