सुल्तानपुर.(बब्लू मिश्रा) – उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में ज़िले के प्रथम नागरिक का दर्जा रखने वाली ज़िला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह ने आज ज़िला पंचायत परिसर में पहुंच स्वयं अपने हाथों से गाड़ी पर लगी लालबत्ती को उतारा।
इस तरह अमल में आ रहा मामला
बता दें कि 1 मई से देश भर में पीएम समेत मंत्रियों और अफसरों की गाड़ियों पर बत्ती लगाना बैन कर दिया गया है।
19 अप्रैल को केंद्र सरकार ने कैबिनेट के साथ मीटिंग कर यह फैसला लिया था कि 1 मई से पीएम समेत मंत्री और अफसर अपनी-अपनी गाड़ियों पर बत्ती नहीं लगा सकेंगे।
आज कार्यालय पहुँच पहले किया ये काम
इसी क्रम में आज ज़िले की प्रथम नागरिक का दर्जा रखने वाली ज़िला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह देर शाम ज़िला पंचायत स्थित अपने कार्यालय पर पहुँची। यहाँ पहुंचकर श्रीमती सिंह ने सबसे पहले अपने हाथों से अपनी लग्जरी गाड़ी पर लगी लालबत्ती को उतारा और फिर जाकर आफिस में काम काज निपटाया।
फैसले का स्वागत कर बोली जनता है वीआईपी
इस बीच ज़िला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह ने कहा कि सबसे पहले तो वो देश की नागरिक हैं। और फिर जिले की प्रथम नागरिक का हमें दर्जा प्राप्त है। ऐसे में अगर केंद्र सरकार ने फैसला लेते हुए कोई कानून बनाया है तो वो देश हित में है। उन्होंने कहा कि इस फैसले का हम स्वागत करते हैं क्योंकि जनता से बड़ा वीआईपी कोई नहीं है।
सपा के सिम्बल पर चुनी गई थी जिला पंचायत अध्यक्ष, अब हैं निष्कासन पर
बता दें कि ऊषा सिंह सपा के सिम्बल पर जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गई थी। लेकिन हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें व उनके पति सपा नेता एवं समाज सेवी शिवकुमार सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। इसलिए के टिकट न मिलने पर शिवकुमार सिंह से इसौली विधानसभा सीट से एमबीसीआई के बैनर तले चुनाव लड़ा था। इसी संदर्भ में पार्टी ने पति के प्रचार के आरोप में ऊषा सिंह को भी निष्कासित किया था। जबकि श्रीमती सिंह निष्कासन से पूर्व पति के प्रचार में मैदान में नहीं आई थी।
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