नई दिल्ली। : वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज संरक्षणवाद को लेकर आगाह करते हुए कहा कि दुनिया इस पर बहस कर सकती है कि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था अधिक दक्ष होगी या कमजोर पड़ेगी।
हालांकि, वित्त मंत्री ने इस बात पर संतोष जताया कि भारत में संरक्षणवाद की आवाजें सुनाई नहीं देती हैं।
जेटली ने अमेरिका सहित विभिन्न देशांे में संरक्षणवाद की बढ़ती आवाजों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आप अचानक विकसित अर्थव्यवस्थाओं में इस तरह की प्रवृत्ति देखते हैं। प्रत्येक अर्थव्यवस्था के लिए इसकी वजह भिन्न है। इसको लेकर चिंता पैदा होती है।’’ अमेरिका में बढ़ते संरक्षणवाद मसलन वीजा व्यवस्था को कड़ा करना और अमेरिकी उत्पादांे के इस्तेमाल पर जोर से वैश्विक व्यापार और निवेश पर गंभीर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका में एक सवाल पहले से खड़ा हो रहा है कि क्या अमेरिकी कंपनियांे को ऐसे उत्पाद खरीदने के लिए दबाव डाला जाएगा जो महंगे हैं। क्या उन्हंे ऐसे पेशेवरों की नियुक्ति को कहा जाएगा जो कुछ महंगे हैं।’’ भारतीय उद्योग परिसंघ :सीआईआई: के वाषिर्क सत्र को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था की स्थिति क्या होगी? क्या यह अधिक दक्ष होगी या कमजोर बनेगी? मुझे विश्वास है जिन देशों भी संरक्षणवाद को लेकर बहस छिड़ी है ऐसी बहस वहां जारी रहेगी।
ब्रिटेन में घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए जेटली ने कहा कि ब्रिटिश नेतृत्व इस बात पर जोर दे रहा है कि ब्रेक्जिट को किसी तरह के संरक्षणवाद के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। बल्कि वे चाहते हैं कि वे यूरोपीय संघ के साथ साथ भारत के साथ अपने संपर्क और बढ़ाएं।
read more- PTI
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