चुनाव मैदान में आठ उम्मीदवार हैं लेकिन मुख्य तौर पर आप, भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। तीनों ने अनुसूचित जाति श्रेणी के लिए आरक्षित इस विधानसभा सीट को जीतन का विश्वास प्रकट किया है।
दिल्ली में मतदाताओं की नजर से सबसे बड़े इस विधानसभा क्षेत्र में 23 अगस्त को मतदान हुआ था। वैसे वोट प्रतिशत 45 फीसद ही रहा था जबकि 2015 के पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 61.83 फीसद मतदान हुआ था।
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में आप के पास 65 सीटें हैं जबकि भाजपा के पास चार हैं। कांग्रेस बवाना सीट जीतकर सदन में अपना खाता खोलने की आस लगायी हुई है। इस साल पहले हुए राजौरी गार्डन उपचुनाव में भाजपा ने आप से यह सीट ले ली थी, तब कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही थी।
बवाना उपचुनाव के लिए भाजपा ने वेद प्रकाश को चुनाव मैदान में उतारा है, जो आप उम्मीदवार के तौर पर 2015 का विधानसभा चुनाव में इस सीट से जीते थे। लेकिन उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए। आप से रामचंद्र और कांग्रेस ने बवाना से तीन बार विधायक रहे सुरेंद्र कुमार पर दांव लगाया है।