उत्तर भारत के लोगों को कुछ दिनों की भीषण गर्मी के बीच अब राहत का बेसब्री से इंतज़ार है। बीते कुछ दिनों से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लू जैसे हालात बने हुए हैं और लोग भीषण गर्मी से हलकान हैं। इस बीच उत्तर भारत के पर्वतीय भागों के पास एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। हालांकि यह बहुत सक्षम नहीं है लेकिन इसके प्रभाव से मध्य पाकिस्तान पर एक चक्रवाती सिस्टम विकसित हो गया है। इससे एक ट्रफ रेखा दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश होते हुए पूर्वी भारत तक पहुँच रही है।
इन मौसमी सिस्टमों के चलते उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में वातावरण में आर्द्रता पहले से ही बढ़ गई जिसके चलते गर्मी के साथ-साथ उमस भी परेशान कर रही है। उम्मीद के विपरीत कल शाम दिल्ली और आसपास के भागों में कोई मौसमी हलचल नहीं हुई लेकिन आज शाम और कल शाम को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान में कुछ स्थानों पर गरज के साथ धूलभरी आँधी चलने के आसार हैं। इन भागों में एक-दो स्थानों पर वर्षा भी दर्ज की जा सकती है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मैदानी राज्यों में आने वाले दिनों में भी पारा सामान्य से अधिक ही बना रहेगा और गर्मी से विशेष राहत मिलने की संभावना नहीं है क्योंकि मौसमी हलचल दोपहर बाद या शाम के समय होगी तब तक पारा पहले ही अपने चरम पर पहुँच चुका होता है। फिलहाल अगले दो दिनों के दौरान संभावित मौसमी गतिविधियां देखने को मिलेंगी।उत्तर भारत में इन मौसमी हलचलों के बावजूद अधिकतम तापमान में क्रमशः बढ़ोत्तरी का क्रम जारी रहेगा। स्काइमेट का अनुमान है कि दिल्ली में 10 और 11 मई को अधिकतम तापमान 42 डिग्री हो सकता है। 12 मई को पारा 43 डिग्री तक पहुँच जाएगा जिससे लू जैसी स्थितियाँ संभावित हैं। उत्तर भारत के अन्य भागों में भी तापमान 41 से 44 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया जाने की संभावना है। यानि उत्तर भारत में गर्मी अपने चरम पर है और कोई मुरव्वत करने को तैयार नहीं है। हमारा सुझाव है कि गर्मी से बचाव के लिए सावधानी बरतें और खुली धूप में कम से कम निकलें।
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