बबुली कोल के अलावा एक लाख के इनामी डाकू गौरी यादव और 50 हजार के इनामी डाकू लवलेश प्रमुख रूप से बचे हैं। इनमें बबुली व लवलेश गैंग के सदस्य एक साथ मिलकर वारदात करते हैं। बचे डाकुओं को ठिकाने लगाने के लिए यूपी पुलिस के अधिकारियों ने कमर कस ली है। इसके लिए पुलिस की अलग-अलग टीमें कार्य कर रहीं हैं। डाकू गोप्पा को पकड़ने में मिली कामयाबी व डाकू ललित पटेल के मारे जाने के बाद पुलिस अधिकारी उत्साहित हैं। जुलाई, अगस्त में मिली कामयाबी के बाद अधिकारी एक और बड़ी सफलता के लिए जुट गए हैं। इसमें डाकू बबुली कोल को टारगेट बनाकर कार्य किया जा रहा है। वहीं, गौरी यादव को पकड़ने के लिए भी टीम काम कर रही है।
कुछ दिन पूर्व ही मंडल मुख्यालय में पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने एसपी को निर्देश दिए हैं कि पाठा क्षेत्र के डाक ुओं का खात्मा किया जाए। इसके बाद से एसपी प्रताप गोपेंद्र ने थानाध्यक्षों की कई बार बैठक कर डाकु ओं के खात्मे के लिए रणनीति तैयार की है। अलग-अलग टीमेें जंगलों में कांबिंग कर रही हैं। संरक्षण देने वालों पर नजर रखी जा रही है। मध्यप्रदेश पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा है।
जंगल में मारना कठिन कार्य
चित्रकूट में डाकू बबुली जिस जंगल में रहता है, वहां मारना कठिन कार्य हैं। जंगल के चाराें ओर पहाड़ होने से गैंग के सदस्य पुलिस के पहुंचते ही पहाड़ पर चढ़ जाते हैं। पुलिस के नीचे होने से खतरा बना रहता है।
ललित पटेल गैंग के सक्रिय सदस्य व 10 हजार के इनामी डकैत चुनुबाद खैरवार को पुलिस ने चित्रकूट फतेहगंज थाना क्षेत्र के उसी स्थान पर दबोचा था जहां जुलाई 2007 में ठोकिया ने छह एसटीएफ जवानों पर गोलियां बरसाकर सामूहिक हत्या कर दी थी। अब यहां शहीद स्मारक बना है। पुलिस का कहना है कि चुनुबाद ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग शुरू कर दी। लेकिन एक ही फायर के बाद उसे दबोच लिया गया। दो माह पूर्व एमपी में तीन लोगों को जिंदा जलाने की घटना में भी इसे शामिल बताया गया है। हालांकि मीडिया के सामने गिरफ्तार दस्यु को पुलिस ने मुंह नहीं खोलने दिया। फतेहगंज थाना पुलिस ने दस्यु चुनुबाद को सोमवार को गिरफ्तार किया था।
मंगलवार को यहां पुलिस लाइन में एसपी शालिनी ने पकड़े गए डकैत को मीडिया के सामने किया। बताया कि सोमवार शाम दस्यु चुनुबाद कोल्हुवां जंगल की तरफ आ रहा था। तभी फतेहगंज थानाध्यक्ष पंकज तिवारी के नेतृत्व में पुलिस बल ने उसे शहीद स्मारक (बघोलन तिराहा) के पास घेर लिया। एसपी के मुताबिक दस्यु ने पुलिस पर फायर किया। दूसरा फायर करने से पहले उसे दबोच लिया गया। उसके पास देशी 315 बोर राइफल और पांच कारतूस बरामद हुए। उस पर मध्य प्रदेश के नया गांव व बरौंधा और बांदा के फतेहगंज थाने में कई मुकदमें दर्ज हैं। नया गांव (सतना) में तीन लोगों को जलाकर मारने और प्राइमरी स्कूल टीचर के अपहरण मामले में भी चुनुबाद शामिल था। एसपी ने फतेहगंज थाना पुलिस टीम को पांच हजार रुपये पुरस्कार की घोषणा की। उधर, मीडिया ने जब डकैत से कुछ जानना चाहा तो एसपी ने पुलिस कर्मियों को आदेश देकर तत्काल दस्यु को वहां से रवाना कर दिया।
29 जुलाई को चित्रकूट मऊ थानाक्षेत्र के लालता रोड़ के पास नाटकीय मुठभेड़ में डाकू गोप्पा को एसटीएफ व पुलिस ने मिलकर गिरफ्तार किया था। 30 जुलाई को जेल जाने के बाद पुलिस ने उसे रिमांड पर लेने के लिए अदालत से अनुमति ली। सोमवार को अदालत ने उसे 39 घंटे की रिमांड पर पुलिस को सौंपा दिया। सोमवार रात से लेकर मंगलवार दोपहर तक रैपुरा पुलिस ने कई मामलों में जांच टीम के साथ डाकू गोप्पा से पूछताछ की। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि ग्राम बढ़वार के पास यमुना नदी के किनारे गोप्पा की निशानदेही पर मृतक भईयालाल पाल के कपडे़ बरामद किए गए हैं। गैंग लीडर ने माना कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर मुखबिरी के शक में भइयालाल पाल की 31 अगस्त 2016 को नंगा करके हत्या कर दी थी और शव नदी किनारे दफना दिया था।
दूसरे मामले में महुलिया गांव के पास 18 जुलाई 2017 को भडभड़ा पहाड़ के पास पुलिस के साथ गैंग की मुठभेड़ हुई थी, उसी जंगल में गैंग लीडर ने राइफल मय कारतूस के छिपाया था। गोप्पा की निशानदेही पर एक राइफल देशी 315 बोर 30 जिंदा कारतूस के साथ बरामद की गई है। इसके अलावा डाकू गौरी गैंग के साथ 11 मई 2013 को डाकू गोप्पा ने दिल्ली से एक लूट के आरोपी को पकड़ने आए दरोगा जय भगवान सिंह की बहिलपुरवा थानाक्षेत्र के बेलहरी के पास गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने डाकू गोप्पा की निशानदेही पर दरोगा की पिस्टल से लूटी गई मैगजीन मय 10 कारतूस जंगल में एक स्थान से बरामद की गई। दिल्ली के दरोगा की हत्या में 10 डाकू शामिल थे, इनमें गोप्पा सहित नौ अपराधी जेल जा चुके हैं। वर्तमान में इस घटना में शामिल रहा गैंग लीडर गौरी यादव फरार चल रहा है।
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