तांत्रिक चंद्रास्वामी का मंगलवार (23 मई) को निधन हो गया। चंद्रास्वामी 66 साल के थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चंद्रास्वामी काफी दिनों से डायलसिस पर थे। पिछले दिनों उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी जिसके बाद उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। चंद्रास्वामी का जन्म 1948 में हुआ था। उनका असली नाम नेमी चंद था। वह अपने तंत्र-मंत्र को लेकर भी विवादों में रहे। उनके पिता राजस्थान के रहने वाले थे। चंद्रास्वामी पर वित्तीय गड़बड़ी का आरोप भी लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने भी उनको कई मामलों में जुर्माना देने को कहा था।
चंद्रास्वामी राजस्थान के अलवर जिले के बहरोड़ में जन्मे थे। वह बचपन में ही पिता के साथ हैदराबाद चले गए। तब वह नेमि चंद्र जैन हुआ करता थे। नरसिंह राव जब आंध्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे तो उन्होंने युवा चंद्रास्वामी को हैदराबाद युवा कांग्रेस का महासचिव बना दिया। इसके बाद वह राजनीति में अपनी पैठ बढ़ाने लगे। वह कुछ ही समय बाद दिल्ली आ गए। शुरुआत में वह तत्कालीन युवा कांग्रेस के महासचिव और मध्य प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता रहे महेश जोशी के बंगले पर सर्वेंट क्वार्टर में रहने लगे।
इसी दौरान वह राजनीति से तंत्र-मंत्र की ओर खिंचे। अमर मुनि नामक एक साधु के शिष्य बन कर उन्होंने बिहार-नेपाल सीमा पर तांत्रिक साधना की। कुछ दिन बाद वह गुरु बन कर सामने आए। उनके भक्तों की संख्या बढ़ती ही गई। साथ ही कद्दावर भक्त भी बढ़ते गए। इनमें कई राजनीतिक हस्तियों के अलावा अन्य क्षेत्रों के दिग्गज भी शामिल थे।
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