लखनऊ: पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर आरोप लगाया कि उसे शासन चलाना नहीं आता और इसी वजह से वह पूर्ववर्ती सपा सरकार के कामकाज में नुस्खे निकाल रही है। अखिलेश ने विधान परिषद में बजट पर सामान्य चर्चा में कहा कि सरकार द्वारा हाल में पेश किया गया वर्ष 2017-18 का बजट विकास को रोकने वाला है। भाजपा सरकार ने पिछली सपा सरकार के कार्यों को अपने रंग में रंग कर पेश कर रही है।
उन्होंने दावा किया कि सरकार ने अपने गठन के 100 दिन पूरे होने पर जो किताब ‘100 दिन विश्वास के’ जारी की, उसमें उल्लिखित सारे कार्य सपा सरकार के हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि घोर जातिवाद फैलाकर सत्ता में आने वाली यह सरकार हर मोर्चे पर पीछे चल रही है। इस प्रदेश को चलाने के लिए दिल बड़ा करना चाहिए। यह सरकार ‘नाच ना जाने आंगन टेढ़ा’ की कहावत को चरितार्थ कर रही है। उसे शासन चलाना नहीं आता है, यही वजह है कि वह हर चीज में कमी निकाल रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बजट में पूरा जोर किसानों के 36 हजार करोड़ रुपए माफ करने पर लगा दिया है। मगर सरकार ने कर्जमाफी के नाम पर भी किसानों के साथ धोखा किया है। अपनी प्रिय परियोजना ‘गोमती रिवरफ्रंट’ की सीबीआई जांच कराए जाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि यह जांच इसलिए हो रही है, क्योंकि गोमती का किनारा साबरमती नदी के किनारे से अधिक सुंदर बन गया है। आप हमें सीबीआई से डरा रहे हैं। हम तो सीबीआई क्लब के सदस्य हैं। हमारी भी सीबीआई जांच हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि ‘समाजवादी’ शब्द से चिढऩे वाली भाजपा को सैफई (सपा संस्थापक मुलायम सिंह का पैतृक गांव) से बड़ी तकलीफ है। हम देखेंगे कि पूर्वांचल को क्या मिलने जा रहा है। मैं पूरे पांच साल तक गोरखपुर में मेट्रो रेल चलने का इंतजार करूंगा। सपा नेता ने कहा कि उनकी सरकार ने गोरखपुर में एम्स के लिए सबसे कीमती जमीन दी थी। सबसे ज्यादा मेडिकल कालेज बनाए थे। हम चाहेंगे कि भाजपा की सरकार उससे ज्यादा मेडिकल कालेज बनाए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सपा सरकार के कार्यकाल में लैपटाप वितरण में गड़बड़ी की शिकायत की है। मैं चुनौती देता हूं कि वह एेसी एक भी शिकायत लाकर दे।
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