नयी दिल्ली ,23 जनवरी 2023 ,भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती हर साल 23 जनवरी को मनाई जाती है। इस साल भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस का पर्व 24 जनवरी के बजाए 23 जनवरी से मनाने का फैसला लिया है।
अब से हर साल सुभाष चंद्र बोस की जयंती से गणतंत्र दिवस पर्व का शुरवात मनी जायेंगी । यह साल सुभाष चंद्र बोस की 124वीं जयंती है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म ओडिशा के कटक में 23 जनवरी 1897 को हुआ था। एक संपन्न बंगाली परिवार से ताल्लुक रखने वाले बोस के सात भाई और छह बहनें थीं। पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माता प्रभावती देवी थीं। कटक के रेवेंशॉव कॉलेजिएट स्कूल से शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद 1913 में कलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया था । साल 1915 में १२वी की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास करने के बाद उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा में कार्य करने का लक्ष्य तय किया था और तैयारी के लिए विदेश कैंब्रिज विश्वविद्यालय इंग्लैंड गए थे ।
अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिए, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फ़ौज का गठन किया था। उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बना । “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा” का नारा भी उनका स्वतंत्रा आंदोलन में अहम था। सभी उन नेता जी के नाम से बोलते थे। नेताजी की मृत्यु को लेकर आज भी विवाद है। जहाँ जापान में प्रतिवर्ष 18 अगस्त को उनका शहीद दिवस धूमधाम से मनाया जाता है वहीं भारत में रहने वाले उनके परिवार के लोगों का आज भी यह मानना है कि सुभाष की मौत 1945 में नहीं हुई। वे उसके बाद रूस में नज़रबन्द थे। यदि ऐसा नहीं है तो भारत सरकार ने उनकी मृत्यु से संबंधित दस्तावेज अब तक सार्वजनिक नहीं किए क्योंकि परिवार वालो का ऐसा मानना है कि नेता जी की मृत्यु तब नहीं हुई थी।बाद में एक गुमनामी बाबा के नाम से काफी चर्चा हुई कि वही नेता जी है ,बाद में सब रहस्य बन गया,तत्कालीन सरकार भी इस बारे में मौन रही।
@ फोर्थ इंडिया न्यूज़ टीम