पनामा लीक: बेनामी विदेशी फर्म के आरोप में फंसे भाजपा के दिग्गज नेता, ईडी ने आधे घंटे की पूछताछ

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बीते बुधवार (2 अगस्त, 2017) को भाजपा नेता शिशिर बजोरिया से बेनामी विदेशी फर्म मामले में पूछताछ की। भाजपा नेता बजोरिया का नाम पनामा पेपर्स लीक में सामने आया था। जिसपर ईडी ने उनसे करीब आधे घंटे तक पूछताछ की। ये पूछताछ सीजीओ में ईडी के ऑफिस में की गई। इसपर भाजपा नेता ने सफाई देते हुए कहा, ‘मुझसे जो पूछताछ की गई वो जांच का हिस्सा था। मेरे भाजपा में होने का ये मतलब नहीं है कि एजेंसी मुझसे पूछताछ नहीं करेगी। पनामा पेपर्स में मेरा नाम गलती से आया है। वो जांच पड़ताल करेंगे और जल्द ही सारा सच सामने आ जाएगा। पूछताछ के लिए मुझे ईडी ऑफिस बुलाया गया था। जहां मैंने उनके सभी सवालों के जवाब दिए।’ बजोरिया से पनामा मामले में करीब आधे घंटे तक पूछताछ की गई। गौरतलब है कि पनामा पेपर्स के दस्तावेजों की मानें तो बजोरिया पर लाभ कमाने वाली हैप्टिक (ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड) लिमिटेड का मालिक होने का आरोप है, जिसे बीवीआई में 16 अक्टूबर (2015) को मोसाक फोनसेका एवं व्यापारिक (एमएफ) की मदद से स्थापित किया गया था। दूसरी तरफ बजोरिया का कहना है कि वो कभी भी इस कंपनी के मालिक नहीं रहे। ऐसा किसी गलती की वजह से हुआ है। सच्चाई ये है कि वो ऐसी किसी भी कंपनी के मालिक नहीं हैं। साथ ही गलती से उनका पासपोर्ट मोसाक फोनसेका एवं व्यापारिक (एमएफ) को भेजा गया था। पनामा द्वारा लीक हुए दस्तावेजों के अनुसार कंपनी पर संपत्ति छिपाने और टैक्स बचाने का आरोप लगाया था।

जानकारी के लिए बता दें कि बीते दिनों भाजपा के दिग्गज नेता शिशिर बजोरिया ने बताया था कि आईएफजीएल, वर्ल्डवाइड होल्डिंग्स लिमिटेड को उनके नाम से पंजीकृत कराया था। उनकी पत्नी और वो कंपनी सोन्निश लिमिटेड के शेयर होल्डर हैं। जिसकी सभी जरूरी अनुमति ली गईं थीं। जांच अधिकारियों को इसके सभी कागजात दिखाए जा चुके हैं। संभावना है कि जांच एजेंसी इसकी भी जांच कर सकती है। वहीं सूत्रों के अनुसार बजोरिया को अन्य तीन और कंपनियों का मालिक बताया गया है, हालांकि उन्होंने इन दावाों को सिरे से खारिज कर दिया है। आपको बता दें कि शिशिर के बजोरिया कोलकाता की पुराने व्यापारिक घराने से आते हैं। जो जूट और चाय का व्यापार करता है। उनका एसके बजोरिया ग्रुप भी है, जो छह देशों में स्टील का बिजनेस करता है। इन कंपनियों का साल का टर्नओवर 20 करोड़ डॉलर से ज्यादा है।

 

Read More- Jansatta