रवीक भट्टाचार्य
झारखंड के जमशेदपुर के निकट 18 मई को भीड़ द्वारा चार लोगों को पीट-पीट कर मारे जाने की चश्मदीद केवल आम लोगों की भीड़ नहीं थी कि बल्कि एक पुलिस डीएसपी, एक सर्किल इंस्पेक्टर, दो पुलिस एएसआई और कम से कम 30 पुलिसवाले भी तमाशा देखने वालों में शामिल थे। तमाशा देखने वालों में राजनगर पुलिस थाने के पुलिसवाले थे भी थे जिसके तहत घटनास्थल आता है। भीड़ ने शोभापुर में नईम (35), शेख सज्जू (25), शेख सिराज (26) और शेख हलीम (28) को “बच्चा चोर” होने के संदेह में मार डाला। घटना का वीडियो सोशल मीडिय पर वायरल हो गया है। वीडियो में पुलिसवालों को साफ देखा जा सकता है।
इंडियन एक्सप्रेस ने वीडियो में दिख रहे दो पुलिसवालों और कई अन्य चश्मदीदों से बात की। वीडियो में पुलिसवाले भीड़ में शामिल लोगों से बात करते दिख रहे हैं। 17 मई को हल्दीपोखर के रहने वाले नईम, सज्जू, सिराज और हलीम 15 किलोमीटर दूर स्थिल शोभापुर हलीम के साले शेख मुर्तजा के घर गए थे। 18 मई की सुबह चारो हल्दीपोखर स्थित अपने रिश्तेदारों को फोन करने लगे कि वो भीड़ से घिर गए हैं और उन्हें बचाया जाए। हलीम के बड़े भाई शेख सलीम कहते हैं, “हम अपनी पहचान छिपाने के लिए हेलमेट पहनकर कुछ लोगों के साथ मोटरसाइकिल से पहुंचे लेकिन सैकड़ों लोगों को देखकर हम भाग गए। वो हमें सुबह छह बजे तक फोन करते रहे। फिर उनका फोन नहीं आया।”
18 मई की सुबह छह बजे राजनगर पुलिस थाने पर कुछ गांववालों ने फोन किया। 6.30 बजे तक थाना प्रभारी दो एएसआई और पांच हवलदारों के साथ शोभापुर पहुंच गए। कुशवाहा कहते हैं, “हम वहां पहुंचे तो लोग एक नौजवान को बच्चा चोर बताकर पीट रहे थे। हमने भीड़ से बात करके उन्होंने मनाने की कोशिश की लेकिन उनके सिर पर खून सवार था। वहां बहुत ज्यादा लोग थे और भीड़ बढ़ती ही जा रही थी…मैंने अपनी जिंदगी में ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया था।”
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