लखनऊ : प्रवर्तन निदेशालय लखनऊ के वरिष्ठ अधिकारी भी अब CBI जांच के चंगुल में फस्ते नज़र आ रहे है। इन अधिकारियो की एक साजिश के तहत NRHM घोटाले में लिप्त एक आरोपी से 50 लाख की धनराशि की मांग कराई गई थी। इस काम मे प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व सहायक निदेशक N B Singh को यह दायित्व सौंपा गया था कि वह NRHM घोटाले में लिप्त सुरेंद्र चौधरी से 50 लाख रुपये वसूले।
आपको बता दे कि एन बी सिंह, जो प्रवर्तन निदेशालय के लखनऊ कार्यालय में तैनात थे, को पिछले महीने केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में अधीक्षक के रूप में स्थानांतरित किया गया था, लेकिन अभी तक उन्होंने नई तैनाती के स्थान पर अपना योगदान नही दिया था। सिंह अभी भी प्रवर्तन निदेशालय में ही काम कर रहे थे।
एक सूचना के अनुसार ED ने 18 मई को ही एन बी सिंह को रिलीव कर दिया था और उनके केंद्रीय उत्पाद तथा सीमा कर विभाग में भेज दिया था, लेकिन उन्होंने ED कार्यालय जाना जारी रखा। ऐसा प्रतीत होता है कि 50 लाख की वसूली न होने तक उनके अधिकारियो ने उन्हें रोक रखा था। उनके चहेते अधिकारियो ने मकसद पूरा न होने तक उन्हें रोक रखा था।
N B SINGH ने जब 50 लाख न देने के एवज़ में शिकायतकर्ता को बार बार धमकाने के बाद उसकी संपत्ति अटैच कराने की धमकी दी तो उसने इसकी सूचना CBI को दे दी। मेरठ के शिकायतकर्ता सुरेंद्र चौधरी की शिकायत पर CBI ने जाल बिछाकर एन बी सिंह और उनके एक सहयोगी सुभाष को गोमतीनगर, लखनऊ के एक होटल में 4 लाख की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथ गिफ्तार कर लिया।
read more- India sanvad