सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से पूछा है कि वैध कारणों के चलते अमान्य नोटों (500-1000) को जमा नहीं करा सके लोगों को एक और मौका दिया जा सकता है ? इस बात का जवाब देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते का वक्त दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह बात बेहद तल्ख लहजे में कही। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘आप लोगों की मेहनत की कमाई को इस तरीके से बर्बाद नहीं कर सकते। आप लोगों ने उनको एक खिड़की देने का वादा किया था, जिन लोगों को सच में परेशानी है आप उनसे ऐसे बचकर नहीं निकल सकते।’
इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि नोटबंदी का फैसला लोगों को सचेत करने के लिए है और पुराने नोट जमा करने की तारीख को तीस दिसंबर के आगे नहीं बढ़नी चाहिए।
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