भाजपा के ‘पितामह’ ने राष्ट्रपति पद के लिए खेला ये अंतिम दांव, दवाब में PM मोदी

नई दिल्लीः राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जहां सरकार और विपक्ष में ठनी हुई है वहीं पार्टी के अंदर खाते भी भाजपा दवाब में हैं। हालांकि केंद्र सरकार और विपक्ष ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए किसी उम्मीदवार के नाम पर पत्ते नहीं खोले हैं लेकिन फिर भी अटकलों का बाजार गर्म है कि दोनों तरफ से कोई चौंकाने वाले नाम ही सामने आएंगे। दूसरी तरफ भाजपा के पितामह लालकृष्ण आडवाणी ने इसके लिए नया दाव खेला है। उन्होंने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दवाब बनाने के लिए पोस्टरबाजी के जरिए अपनी दावेदारी फिर से पेश कर दी है। यह पोस्टरबाजी आज दिल्ली में सुर्खियों में हैं।

इन्होंने लगवाए पोस्टर
शनिवार को दिल्ली के प्रमुख स्थानों पर लालकृष्ण आडवाणी की बड़ी तस्वीर के साथ एक बड़ा पोस्टर लगाया गया है। इसमें लिखा है कि भाजपा के जनक, लोह पुरुष तथा भारत की राष्ट्रीय राजनीति के वरिष्ठ नेता आदरणीय श्री लाल कृष्ण आडवाणी जी राष्ट्रपति पद के सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं। इसमें निवेदक के रूप में अशोक तंवर का नाम और फोटो लगी है। अशोक तंवर खुद को गुर्जर समाज के संयोजक एवं किसान नेता बता रहे हैं। पोस्टर में आडवाणी की मुस्कुराती तस्वीर के बगल में भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल भी छापा गया है। इस पोस्टर को भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय 11 अशोका रोड, रफी मार्ग, कांस्टीटयूशनल क्लब, आईएएनएस, प्रेस क्लब आफ इंडिया जैसे प्रमुख स्थानों पर लगाया गया है, ताकि देश की मीडिया और नेताओं की नजर सीधे पोस्टर पर पड़ जाए। हालांकि भाजपा के दफ्तर से इन पोस्टरों को फाड़ दिया गया और पार्टी ऑफिस के बाहर की फेंक दिया गया।
PunjabKesari
पीएम मोदी पर एक बार फिर दवाब
आडवाणी राष्ट्रपति उम्मीदवार बन पाते हैं या नहीं, यह तो समय आने पर पता चलेगा लेकिन वे पीएम और समूची भाजपा पर मानसिक दबाव बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वहीं राजनीतिक जानकार इसे आडवाणी का अंतिम दांव मान रहे हैं। बता दें इससे पहले जब लोकसभा चुनाव हुए तो वे नरेंद्र मोदी की जगह खुद को पीएम बनाने का दवाब पार्टी पर बनाए हुए थे, इतना ही नहीं मोदी के पीएम बनने के बाद भी आडवाणी काफी समय तक नाखुश ही लगे हालांकि पीएम मोदी ने हर बार उन्हें उचित सम्मान हीं दिया और उन्हें पार्टी का मार्गदर्शक बताया।

बिना अनुमति नहीं लग सकते पोस्टर
सूत्रों के मुताबिक आडवाणी या उनके करीबियों की अनुमति के बगैर इतना बड़े स्तर पर पोस्टर नहीं लगाए जा सकते। वहीं कुछ दिन पूर्व भाजपा के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने आडवाणी को राष्ट्रपति पद के लिए सबसे योग्य बताया था। वहीं सुषमा स्वराज और मोहन भागवत ने खुद को राष्ट्रपति उम्मीदवारी की दौड़ से बाहर कर लिया है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का पांच साल का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है।

 

read more- punjabkesari

Be the first to comment

Leave a Reply