![Operation Iraqi Freedom](https://www.fourthindia.in/wp-content/uploads/2017/06/f16-678x381.jpg)
नई दिल्ली (19 जून): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 25 जून को प्रस्तावित अमेरिकी दौर से पहले भारत को एक नई ऊर्जा मिली है। अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने भारत में एफ-16 लड़ाकू विमान बनाने के लिए सोमवार को टाटा समूह से करार किया। अमेरिका की एयरोस्पेस टेक्नॉलजी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने भारत के टाटा अडवांस्ड सिस्टम्स के साथ मिलकर F-16 लड़ाकू विमान भारत में बनाने का अग्रीमेंट साइन किया है।
यह डील इस लिहाज से अहम है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप अपनी ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत वहां की कंपनियों को वहीं निवेश बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं ताकि अमेरिकियों के लिए जॉब के ज्यादा से ज्यादा नए मौके बन सकें। दूसरी तरफ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने महत्वाकांक्षी अभियान ‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारत में ज्यादा से ज्यादा विदेशी निवेश और उत्पादन पर जोर दे रहे हैं।
मोदी सरकार की नीति के अनुसार किसी भी विदेशी कंपनी को भारतीय कंपनी के साथ मिलकर भारत में विमानों का उत्पादन करना होगा, जिससे देश में उत्पादन बढ़ें और आयात पर होने वाले भारी खर्चे को कम किया जा सके। पीएम मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ नीति और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति आपस में भिड़ रहीं थीं। अमेरिका फर्स्ट नीति के तहत ट्रंप कंपनियों को यूएस में ही निवेश करने का दबाव बना रहे हैं जिससे नई जॉब पैदा हो सकें।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पेरिस एयरशो में एग्रीमेंट की घोषणा करते हुए लॉकहीड मार्टिन और टाटा ने कहा कि F-16 के भारत में उत्पादन होने से अमेरिका में नौकरियों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। दोनों कंपनियों ने एक साझा बयान जारी करते हुए कहा, ‘F-16 के भारत में उत्पादन होने से भारत और अमेरिका में नई जॉब्स पैदा होंगी।’
पीएम मोदी 26 जून को डोनाल्ड ट्रंप से पहली मुलाकात करने वाले हैं। भारत और अमेरिका के बीच हाल के दिनों में डिफेंस रिलेशनशिप मजबूत हुई है। रूस और इजरायल के बाद अमेरिका भारत को सबसे ज्यादा आर्म्स सप्लाइ करने वाला तीसरा देश बन गया है।
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