मंदसौर: इस छोटे से शहर में होती है दुनिया में सबसे ज्यादा अफीम की खेती, पशुपतिनाथ मंदिर है यहां की पहचान

नई दिल्ली| मध्य प्रदेश का मंदसौर शहर इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है. वजह है यहां हो रहा किसानों का उग्र प्रदर्शन. मंगलवार (6 जून) को यहां किसान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें 6 किसानों की गोली लगने से मौत हो गई. वहीं, कई और किसान घायल हो गए. इस घटना के बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया. इससे पहले मंदसौर शायद ही कभी पूरे देश की नज़र में इस तरह आया हो.

पशुपतिनाथ मंदिर है यहां की पहचान

मंदसौर शहर पुरातात्विक और ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है. यहां भगवान पशुपतिनाथ मंदिर है, जो कि शिवना नदी के किनारे स्थित है. इस मंदिर की वजह से ये शहर देशभर में प्रसिद्ध है. इसे नेपाल के काठमांडु स्थित भगवान पशुपतिनाथ के समान ही माना गया है.

अफीम की खेती के लिए मशहूर

अभी तक ख़बरों में मंदसौर के किसानों की बातें तो ही रही हैं लेकिन ये बात सामने नहीं आ रही कि यहां किस-किसी चीज़ की खेती होती है. मंदसौर में यूं तो कई तरह की खेती होती है लेकिन अफीम की खेती के लिए ये दुनियाभर में मशहूर है. यहां दुनिया में सबसे ज्यादा अफीम की खेती होती है. इसके अलावा, स्लेट-पैंसिल उद्योग जिले का महत्वपूर्ण उद्योग है.

शिक्षण संस्थान

मंदसौर एक छोटा शहर है, बावजूद इसके यहां बहुत सारे सरकारी और प्राइवेट शिक्षण संस्थान मौजूद है. उडिया पीजी कॉलेज गरोठ, प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी शासकीय कॉलेज, शासकीय कॉलेज सितामउ, राजीव गांधी शासकीय कॉलेज, शासकीय कॉलेज पीपरिया मंडी, शासकीय संगीत कॉलेज कुछ मशहूर शासकीय कॉलेज और यूनिवर्सिटी हैं। वहीं प्रेस्टिज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट मंदसौर, मंदसौर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालाजी, बी.आर. नाहटा कालेज ऑफ फार्मेसी, नेहरू ला कालेज, स्मृति कामर्स कालेज, जे.एन.के.वी.वी. एग्रीकल्चरल रिसर्च सेंटर भी पूरे राज्य में जाने जाते हैं.

क्यों हो रहा है मंदसौर में आंदोलन

मध्यप्रदेश के किसानों ने कृषि उपज के उचित मूल्य की की मांगों के साथ 19 सूत्रीय मांगों को लेकर 1 जून से 10 जून तक आंदोलन कर रहे हैं. किसानों की प्रमुख मांगें हैं कि उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य किया जाए. खेती के लिए बिना ब्याज के कर्ज मिले. 60 साल के किसानों के लिए पेंशन स्कीम लागू की जाए और एक लीटर दूध के लिए दुग्ध उत्पादकों को 50 रुपए कीमत मिले. प्याज और आलू को भी उचित मूल्य पर प्रदेश सरकार खरीदे.

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