
मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान हिंसा रोकने का भरसक प्रयास कर रही है, मगर हालात पर अब तक काबू नहीं पाया जा रहा है। मंगलवार (6 जून) को मंदसौर जिले में प्रदर्शन के दौरान 5 किसानों की गोली लगने से मौत के बाद तनाव बेहद बढ़ गया है। शिवराज सिंह चौहान ने ट्विटर के जरिए किसानों ने शांति की अपील की है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हालात के बारे में एक बैठक की। केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश के मंदसौर में शांति बहाल करने के लिए दंगा-रोधी पुलिस बल के 1100 जवानों को भेजा है। केंद्र सरकार ने कल की हिंसा पर और हिंसा-प्रभावित क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि द्रुत कार्य बल (आरएएफ) के करीब 600 जवान पहले ही स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए मंदसौर पहुंच चुके हैं। राज्य सरकार के अनुरोध पर गृह मंत्रालय आरएएफ के 500 और जवानों को मंदसौर भेज रहा है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वह पुलिस फायरिंग में मारे गए किसानों के परिवारों से मिलने के लिए गुरुवार को मंदसौर जाएंगे। बुधवार को हालात और भी गंभीर हो गए जब हिंसा राज्य के अन्य हिस्सों में फैलने लगी। किसानों ने बुधवार को देवास में हाट पिपलिया थाने पर धावा बोल दिया और वहां खड़े जब्ती के वाहनों को आग लगा दी। किसानों ने भोपाल-इंदौर के बीच चलने वाली दो बसों सहित 10 से अधिक वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, किसान जुलूस के रूप में हाट पिपलिया थाने पहुंचे, जहां उन्होंने उपद्रव मचाया और परिसर में रखे जब्ती के वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद आंदोलनकारी किसान नेवली फाटा की ओर बढ़े, जहां उन्होंने वाहनों में तोड़फोड़ की।
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