नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में JDU और AIADMK को जगह नहीं मिलने पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. राजनीतिक गलियारों से लेकर टीवी चैनलों के स्टूडियो में कहा जा रहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कैबिनेट में हुए इतने बड़े फेरबदल के बाद भी सहयोगी दलों पर क्यों नहीं दिया गया? सोशल मीडिया पर लोग कुछ नेताओं का नाम लेकर उन्हें मोदी कैबिनेट का हिस्सा बनाने की मांग कर रहे हैं. जिन लोग भी मोदी सरकार में मंत्री बनना चाहते हैं, उनके लिए अभी भी वैकेंसी है. प्रधानमंत्री मोदी अपने मंत्रिमंडल में एक बार फिर विस्तार कर सकते हैं, क्योंकि छह और मंत्रियों को शामिल किए जाने की गुंजाइश अभी बाकी है.
संवैधानिक सीमा लोकसभा में सत्ताधारी गठबंधन की घटक पार्टियों की कुल शक्ति का 15 फीसदी तय है, इस हिसाब से भी एक और विस्तार तो बनता है. मोदी मंत्रिमंडल में इस समय 75 मंत्री हैं, जिनमें 27 कैबिनेट मंत्री, 11 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री और 37 राज्यमंत्री. संवैधानिक सीमा कुल 81 मंत्री रखने की इजाजत देती है.
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