अगर पास हो गया संसद में यह बिल तो बैंकों में पैसे रखना कर देंगे बंद, लुट जाएगी सारी जमा-पूंजी -Amar Ujala
क्या है यह बिल
केंद्रीय कैबिनेट ने अभी हाल ही में फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इन्श्योरेंस बिल (FRDI) के नए संशोधित ड्रॉफ्ट को पास कर दिया है और इसे संसद में पेश करने की तैयारी है। दोनों सदनों में बहुमत होने के कारण ये बिल आसानी से पास हो जाए, इस बात की पूरी गारंटी है। इससे पहले इसे मानसून सत्र में पेश किया गया था, लेकिन तब जेपीसी के पास नए सुझावों के लिए भेज दिया गया था।
क्या है डर
अगर ये बिल पास हो गया तो सरकार एक नया रेजोल्यूशन कॉर्पोरेशन बनाएगी। इस कॉर्पोरेशन के बनने के बाद पुराना कानून पूरी तरह से निष्प्रभावी हो जाएगा, जिसके चलते अभी तक बैंकों को सरकार की तरफ से गारंटी मिली हुई थी।
नए कानून के मुताबिक बैंकों के दिवालिया होने की स्थिति में आम लोगों का एक लाख रुपये से अधिक पैसे का इस्तेमाल बैंक को फिर से खड़ा करने में लगाएगी। इतना ही नहीं आप बैंक में पड़े अपने पैसे को कितना निकाल सकते हैं यह भी सरकार ही तय करेगी।
अगर सरकार को लगा कि आपकी एक लाख से ऊपर जमा पूरी राशि को बैंकों का एनपीए कम करने में इस्तेमाल हो सकता है, तो फिर आप अपने खाते से राशि को कम से कम पांच साल के लिए निकाल नहीं पाएंगे।
आपके बैंक खातों में जमा पैसा कितना सुरक्षित?- NDTV
बच्चों के पास पीने का पानी नहीं है, टीवी और राजनीति की हिन्दू मुस्लिम की डिबेट आम लोगों को मानव बम में बदल रही है. राजस्थान के राजसमंद में नफ़रत ने शंभू लाल को इतना पागल कर दिया कि उसने मज़दूर मोहम्मद अफराजुल को पहले काट दिया और फिर जलाकर मार दिया. ये सूचना यहीं तक, लेकिन कभी इस प्रसंग को लेकर लौटूंगा ज़रूर ताकि हिन्दू मुस्लिम की राजनीति आपको और आपके बच्चों को शंभू लाल की तरह हत्यारे में न बदल दे. बैंकों में जमा आपके पैसे की बात करते हैं. 10 अगस्त 2017 में लोकसभा में पेश हुए फाइनेंशियल रेज़्यूलेशन एंड डिपोज़िट इंन्श्योरेंस बिल को लेकर चर्चा हो रही है. 18 अगस्त को यह बिल लोकसभा की संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दी गई, इस समिति ने अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश नहीं की है मगर इसके कुछ प्रावधानों को लेकर मीडिया में चर्चा है कि बैंकों में जमा आपका पैसा सुरक्षित नहीं है. अब बैंक चाहें तो देने से मना कर सकते हैं. यह बिल इसलिए लाया गया है ताकि बैंकिंग सेक्टर की मॉनिटरिंग के लिए एक रेज़ोल्यूशन कॉरपोरेशन बनाया जा सके. यह निगम डूबते हुए बैंक के खाताधारखों के पैसे की बीमा का मापदंड भी तय करेगा. अख़बारों और न्यूज़ वेबसाइट पर आपने इस तरह की हेडलाइन देखी होगी.
– नोटबंदी के बाद अब आपके बैंक खाते पर सरकार की नज़र, ला रही है नया बिल
– क्या जानते हैं आप, बैंक में रखा पैसा ही नहीं रहेगा आपका, लुट सकती है सारी जमा पूंजी
– बैंक में रखा आपका पैसा नहीं रहेगा आपका, मोदी सरकार ला रही है नया कानून
क्या वाकई ऐसा होने जा रहा है, बिल में तो है मगर अंतिम रूप से होगा, अभी नहीं कहा जा सकता, मगर जो है उस पर बात हो सकती है. 9 नवंबर को द हिन्दू अख़बार में मीरा नांगिया ने इस पर विस्तार से लेख लिखा तो कई लोगों के मन में यह आशंका उठी कि क्या वाकई ऐसा हो सकता है कि बैंक हमारे पैसे को लौटाने से इनकार कर सकते हैं
…तो क्या सच में डूब जाएगा बैंकों में रखा आपका पैसा? ये है पूरी सच्चाई- Zee News
अभी क्या है व्यवस्था?
मौजूदा समय में जो नियम-कानून हैं, उसके मुताबिक अगर कोई बैंक या वित्तीय संस्थान दिवालिया होता है तो जनता को एक लाख रुपए तक का बीमा कवर मिलता है. 1960 से ही इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अधीन ‘डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन’ काम कर रहा है. एफआरडीआई बिल 2017 आने से सारे अधिकार वित्त पुनर्संचरना निगम को मिल जाएंगे. बैंक या वित्तीय संस्थान के दिवालिए होने की सूरत में निगम ही ये फैसला करेगा कि जमाकर्ता को मुआवजा दिया जाए या नहीं और अगर दिया जाए तो कितना?
ऐसे समझिए क्या है नियम
अगर किसी बैंक में आप ने 5 लाख रुपए रखे हैं. किसी वजह से वह बैंक दिवालिया हो जाता है. वह जमाकर्ताओं के पैसे चुकाने की स्थिति में नहीं रहता है, तो ऐसी स्थिति में भी उसे कम से कम 1 लाख रुपए आपको देने ही होंगे. हालांकि, 1 लाख से ज्यादा जितनी भी रकम होगी, उसकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है.
बैंकों में रखे लोगों के पैसे डूबने की बात अफ़वाह- जेटली -News 18
सरकार ने फाइनेंशियल रिजॉल्यूशन एंड डिपॉजिट बिल (FRDI) से जुड़ी लोगों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि बैंकों के डिपॉजिटर्स के वर्तमान सभी अधिकार न सिर्फ सुरक्षित रहेंगे, बल्कि उन अधिकारों को और मजबूत किया जाएगा. उन्होंने मुख्य धारा की मीडिया के साथ सोशल मीडिया पर चल रही तमाम खबरों और आशंकाओं को निराधार करार देते हुए कहा कि इस तरह की सभी बातें अफवाह हैं.
इससे पहले खबर थी कि केंद्र सरकार ने बैंकिंग रिफॉर्म प्रक्रिया के क्रम में 2017 के जून में एक ऐसे बिल को स्वीकृति दी है, जिसके तहत बैंकों में जमा लोगों के पैसे डूब सकते हैं. कहा गया था कि इस बिल में ऐसे प्रावधान हैं कि अगर कोई बैंक डूबने की कगार पर है तो उसमें जमा लोगों के पैसे वापस नहीं दिए जाएंगे. इस प्रावधान की जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल होते ही बड़ी संख्या में लोगों ने चिंता जतानी शुरू कर दी थी.
अब परमानेंट नोटबंदी की तैयारी, संसद के शीतकालीन सत्र में पेश होगा नया कानून- Punjab Kesari
केन्द्र सरकार के नए एफ.आर.डी.आई. कानून से एक मौजूदा कानून डिपॉजिट इंश्योरैंस एंड क्रैडिट गारंटी कॉर्पोरेशन खत्म कर दिया जाएगा। मौजूदा समय में अलग-अलग बैंकों में जमा आपके पैसे की गारंटी इसी कानून से मिलती है। इस कानून में एक अहम प्रावधान है कि किसी बैंक के बीमार होने की स्थिति में यदि उसे दिवालिया घोषित किया जाता है तो बैंक के ग्राहकों का एक लाख रुपए तक डिपॉजिट बैंक को वापस करना होगा। लिहाजा इसी कानून से देश की मौजूदा बैंकिंग व्यवस्था सबसे सुरक्षित और विश्वसनीय मानी जाती है।
नए कानून का सबसे खतरनाक प्रावधान है परमानैंट नोटबंदी
अब बैंकों के एन.पी.ए. की समस्या तीव्र होने पर नया रैजोल्यूशन कार्पोरेशन यह तय करेगा कि बैंक में ग्राहकों के डिपॉजिट किए गए पैसे में ग्राहक कितना पैसा निकाल सकता है और कितना पैसा बैंक को उसका एन.पी.ए. पाटने के लिए दिया जा सकता है। नया कानून आ जाने के बाद केन्द्र सरकार तय करेगी कि आर्थिक संकट के समय में ग्राहकों को कितना पैसा निकालने की छूट दी जाए और उनकी बचत की कितनी रकम के जरिए बैंकों के गंदे कर्ज को पाटने का काम किया जाए।
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