नई दिल्ली। मोदी सरकार ने पशुओं की बिक्री के लिए नया कानून लागू कर दिया है. इसके बूचड़खानों के लिए बाजार से पशुओं की खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती. सरकार के इस फैसले की देश भर में आलोचना के साथ सराहना भी हो रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस नए नियम को लागू करवाने के पीछे एक महिला चेहरा है. यह चेहरा है गौरी मौलेखी का. इन्होंने 2014 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली थी जिसके पिछले हफ्ते केंद्र सरकार ने वध के लिए जानवरों की खरीद पर रोक लगी दी है.
गौरी मौलेखी ‘एक्टिविस्ट फॉर एनिमल्स’ नाम की संस्था से जुड़ी हैं साथ ही साथ केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की सलाहकार भी हैं. गौरी मौलेखी ने केंद्र सरकार के नए कानून को स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर आप कानून पढ़ेंगे तो इसमें कहीं नहीं लिखा गया है कि आप मवेशी काट नहीं सकते हैं. कानून कहता है कि आप बाजार से मवेशी की खरीद सिर्फ खेती या वैध कामों के लिए कर सकते हैं. अगर किसी को मवेशी का मांस खाना है तो उसे सीधा किसान या उसके मालिक से खरीदना पड़ेगा, और ये तरीका पूरी दुनिया में अपनाया जाता है
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