नई दिल्ली- यूपी के परिवहन विभाग के अफसर इन दिनों खासे परेशान है। उनके सिरदर्द की वजह है एक अदद स्मार्ट और इंटेलीजेंट ड्राइवर की तलाश। यह ड्राइवर विभाग की मैडम को चाहिए, जो प्रमुख सचिव के ओहदे पर लंबे समय से काबिज हैं। मैडम ने दो टूक कह दिया कि उन्हें वैसा ही ड्राइवर चाहिए, जो दिखने में न केवल स्मार्ट हो, बल्कि बुद्धिमान हो और लखनऊ की गली-गली, चप्पे-चप्पे से वाकिफ हो। जो अच्छे कपड़े पहनता हो, न कि दीन-दुखिया जैसा दिखता हो।
इतना ही नहीं ड्राइवर की बातचीत की शैली भी अच्छी होनी चाहिए। ताकि लगे कि किसी बड़े अफसर की गाड़ी चला रहा है।
मैडम का फरमान मिलते ही मातहत गाड़ी के लिए चालक खोजने में जुटे हैं। इसके लिए पूरे यूपी से ड्राइवरों की तलाश कर उनकी मैडम के सामने परेड कराई जा रही है। सबसे बड़ा सवाल है कि एक ओर सीएम योगी आदित्यनाथ भले ही सादगी का परिचय दे रहे हैं। न लग्जरी गाड़ियों पर पैसा खर्च कर रहे हैं न ही पांच कालीदास आवास की सुख-सुविधाएं बढ़ाने में। वहीं उनके अफसर ड्राइवर के नाम पर इतने नखरे दिखा रहे है।
लखनऊ से भी रखता हो ताल्लुक परिवहन विभाग का ड्राइवर पूरी तरह से फिट होना चाहिए। अंग्रेजी के साथ-साथ वह राजधानी के रास्तों को भी अच्छे से जानता हो। इतना ही नहीं मैडम के लिए ड्राइवर तलाशने के लिए बकायदे इंटरव्यू भी लिए जा चुके हैं। बस अंतिम मोहर मैडम की लगनी बाकी है।पर्सनैलिटी पर भी फोकस इंटरव्यू में इस बात का खास ख्याल रखा गया कि ड्राइवर गुड मार्निंग या गुड ईवनिंग बोल सकता है या नहीं। साथ ही विभाग के एक-एक अधिकारी से भी पूछा गया कि उसकी चाल-ढाल या बात करने का तरीका सही है या नहीं।
नहीं पता क्यों बुलाया गया
इंफोर्समेंट ड्राइवरों के जब मुख्यालय बुलाया गया तो उन्हें इसबात की जानकारी नहीं थी कि आखिर मामला क्या है। जब उन्होंने अफसरों से पूछा तो जाकर पता चल सका कि आखिर पूरा मामला क्या है।
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