लखनऊ : उत्तर प्रदेश सचिवालय में ई-ऑफिस शुरू करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। यह ई-ऑफिस 57 करोड़ रुपये की लागत से एक अक्टूबर से शुरू होगा। सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक ई-ऑफिस से भ्रष्टाचार पर अंकुश और फाइलों की गोपनीयता रहेगी। ई-ऑफिस की व्यवस्था पहले उप्र सचिवालय और फिर सभी ऑफिसों में शुरू होगी। उप्र सचिवालय की पत्रावलियों का अब डिजिटाइजेशन शुरू होगा। इसका प्रशासनिक विभाग सचिवालय प्रशासन रहेगा जबकि क्रियान्वयन की जिम्मेदारी NIC की होगी। IT विभाग इसमें सहयोगी भूमिका अदा करेगा। सरकार पुराने दस्तावेजों को भी स्कैन कराकर उसे संरक्षित करने का उपक्रम करेगी। इसके लिए मंत्रियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। मंत्रियों के अलावा सचिवालय कर्मियों की भी ट्रेनिंग होगी। इस व्यवस्था के लागू होने से समय की बचत के साथ फाइलों के गुम होने और आग में जलने का खतरा समाप्त हो जाएगा। अब दस्तावेजों के रख रखाव की समस्या हल हो जाएगी। इसके लिए एक मास्टर सर्वर भी होगा।
न्यायालयों के जज आधा घंटा और बैठेंगे
कैबिनेट ने अधीनस्थ न्यायालयों में जजों के बैठने की समयावधि में संशोधन किया है। अभी तक साढ़े दस बजे से चार बजे तक जज बैठते थे लेकिन, नई व्यवस्था में उनकी समयावधि साढ़े दस बजे से साढ़े चार बजे तक कर दी गई है।
ललितपुर में 4500 बंदी क्षमता का नया कारागार
सरकार ने ललितपुर में शहर के बीच पुराने कारागार को हटाने का फैसला किया है। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब शहर से बाहर 4500 बंदी क्षमता का कारागार बनेगा। यह कारागार सौ एकड़ में बनेगा। इसमें 48.16 करोड़ एकड़ भूमि ग्राम समाज की है। बाकी जमीन किसानों से खरीदी जाएगी। इसके अधिग्रहण के लिए कैबिनेट ने 11 करोड़ 49 लाख 69 हजार 168 रुपये का अनुमोदन किया गया है।
न्यायालयों में ज्यादा मुकदमों की सुनवाई
कैबिनेट ने अधीनस्थ न्यायालयों में अवकाश में सुनवाई की नई व्यवस्था को मंजूरी दी है। न्यायालयों में घोषित अवकाश के अंदर भी केस लिया जा सकता है। इससे अधिक से अधिक मुकदमों की सुनवाई हो सकेगी।
डीजल और प्राकृतिक गैस पर नहीं लगेगा कर कैबिनेट ने उप्र मूल्य संवद्र्धित कर अधिनियम 2008 की अनुसूची चार में संशोधन किया है। इसके तहत डीजल और प्राकृतिक गैस आदि पर वैट नहीं लगता था। इस नए प्रस्ताव से अब डीजल और प्राकृतिक गैस पर कर नहीं लगेगा। यह जीएसटी से बाहर है।
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