अप्रैल महीने के अखिरी दो दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने गृह जिले गोरखपुर में गुजारे. 262 करोड़ से अधिक की विकास योजनाओं का शिलान्यास किया. बीजेपी, आरएसएस और हिन्दू युवा वाहिनी की बैठकों में शामिल हुए.
प्रेस क्लब व एक अखबार के आयोजन में वह शरीक हुए लेकिन इन कार्यक्रमों की बजाय जिस खबर ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी, वो थी 29 अप्रैल को गोरखपुर में उनके मंच पर पूर्व मंत्री अमरमणि के विधायक पुत्र अमनमणि त्रिपाठी की उपस्थिति.
अमनमणि के साथ मंच शेयर करने के लिए मुख्यमंत्री की खासी आलोचना भी हुई. योगी आदित्यनाथ उसी मंच से अपराधियों को उत्तर प्रदेश छोड़ देने की चेतावनी दे रहे थे, जिस पर अमनमणि भी विराजमान थे.
पत्नी सारा सिंह की हत्या के अभियोग का सामना कर रहे अमनमणि अगले दिन 30 अप्रैल को योगी से मिलने फिर गोरखनाथ मंदिर पहुंच गए. उन्हें मुख्यमंत्री को एक फाइल देते और पांव छूते देखा गया. पत्रकारों से अमनमणि ने कहा कि वह ‘महाराज जी’ का आशीर्वाद लेने आए हैं.
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