वहीं कैग की रिपोर्ट के बाद रेलवे अपने खाने की क्वॉलिटी में भी सुधार कर रही है। रेलवे ने इसके तहत जांच अभियान छेड़ा है, इसके तहत 88 ट्रेनों में जांच की गई। गौरतलब है कि कैग रिपोर्ट और यात्रियों की शिकायत के बाद दोषी पाए गए ठेकेदार के खिलाफ रेलवे ने दंडात्मक कार्रवाई को सख्त कर दिया है।
बता दें कि पिछले तीन सालों में शिकायत के कारण हर साल केवल तीन ठेके ही रद्द किए गए हैं। जबकि इस साल जनवरी से जून तक में 12 ठेकेदारों के ठेके रद्द हो चुके हैं।
गौरतलब है कि बुधवार को यूपी के चंदौली में एक रेल यात्री के खाने में छिपकली निकलने का मामला सामने आया। पूर्वा एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे एक यात्री ने ट्विटर पर रेल मंत्री से इस बात की शिकायत की। वही खाने में छिपकली मिलने की शिकायत करने वाले यात्री ने बताया कि उसने टीटीई और कैंटीन मैनेजर से शिकायत की, उसके बाद रेल मंत्री को ट्वीट किया। शिकायत के बाद संबंधित ठेकेदार का ठेका निरस्त कर दिया गया है।