नयी दिल्ली (भाषा) सरकार चाहती है कि बुजुर्गों को योजनाओं का लाभ दिलाने और उम्र संबंधी विसंगति पर गौर करने के लिए सभी मंत्रालय, विभाग और निजी एजेंसियां 60 वर्ष की उम्र को वरिष्ठ नागरिक को परिभाषित करने के लिए समान उम्र मानदंड के तौर पर स्वीकार करें।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय इस बदलाव को लागू करने के लिए माता पिता एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण संबंधी 2007 के कानून में संशोधन लाने पर विचार कर रहा है।
इस कानून के अनुसार, वरिष्ठ नागरिक भारत का वह नागरिक है जो ‘60 वर्ष और इससे अधिक’ उम्र का है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि ‘60 वर्ष और इससे अधिक’ शब्दावली का कई एजेंसियों द्वारा अलग अलग उम्र सीमा अपनाकर वरिष्ठ नागरिक उपबंधों के तहत लाभ देने से मना करने में प्रयोग किया जा रहा है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें ज्ञात हुआ है कि कई सरकारी विभागों ने बुजुर्गों को दिये जाने वाले लाभ और छूट के लिए अलग अलग उम्र मानदंड अपनाए हुए हैं। इसी तरह से कुछ निजी बीमा कंपनियों ने अलग अलग उम्र सीमाएं तय की हैं।’’ एयर इंडिया द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली यात्रा छूट के लिए योग्यता मानदंड हाल के समय तक 63 वर्ष था। पिछले सप्ताह एयर इंडिया ने इसे घटाकर 60 वर्ष कर दिया है।
अधिकारी के अनुसार, पूर्व सामाजिक न्याय मंत्री कुमारी शैलजा ने पूर्व संप्रग सरकार के दौरान एयर इंडिया संबंधी मुद्दा उठाया था लेकिन तब यह सुलझ नहीं पाया था। हाल में सामाजिक न्याय मंत्रालय ने इस मुद्दे को नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू के सामने उठाया था।
भारतीय रेल में मूल किराये में छूट के लिए महिलाओं की योग्यता ‘58 वर्ष और इससे अधिक’ तथा पुरूषों के लिए ‘‘60 वर्ष और इससे अधिक’’ है।
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