मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में व्यापमं घोटाले के आरोपी प्रवीण यादव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. प्रवीण 2008-09 में पीएमटी में सिलेक्ट हुआ था. 2012 में एसटीएफ ने उसे आरोपी बनाया था. अभी मामला अदालत में विचाराधीन है. प्रवीण इस मामले में जबलपुर हाईकोर्ट में लगातार पेशी पर जा रहा था. साथ ही सीबीआई द्वारा भी उसे लगातार पूछताछ और बयान के लिए भोपाल बुलाया जाता रहा था.
परिजनों का आरोप है कि केस को लेकर लगातार पूछताछ से प्रवीण मानसिक रूप से काफी प्रताड़ित महसूस कर रहा था. पिछले दो-तीन दिनों से वह काफी खामोश था. कोई रोजगार और व्यवसाय का साधन नहीं होने की वजह से भी उसके डिप्रेशन में होने की बात सामने आ रही है. मृतक के एक रिश्तेदार मुकेश ने बताया कि वह शुरू से ही पढ़ने में तेज था. पढ़ाई के दम पर ही उसका सिलेक्शन हुआ था. उसे कॉलेज और व्यापमं से जुड़े लोगों ने झूठा फंसाया था.
#Vyapam accused Praveen Yadav commits suicide at his residence in Madhya Pradesh’s Morena. (file picture) pic.twitter.com/BVXqyzldiS
— ANI (@ANI_news) July 26, 2017
व्यापमं घोटाला देश के शिक्षा जगत के सबसे बड़े घोटाले के तौर पर सामने आया. मध्य प्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) राज्य की एक सरकारी ऑटोनॉमस संस्था है. इसका गठन 70 के दशक में इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए परीक्षाएं आयोजित करने के लिए किया गया था. वर्ष 2013 से पहले तक इस संस्था की विश्वसनीयता पर कोई सवाल खड़ा नहीं हुआ.
सरकारी दावे के अनुसार व्यापमं घोटाले से जुड़े करीब 34 लोगों की मौत हुई है. जबकि कांग्रेस का आरोप है कि 45 से अधिक आरोपियों और गवाहों की मौत हुई. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब मामले की जांच सीबीआई कर रही है.
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