
सबकी नजर समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह पर है। वे अपनी पार्टी को बचाने के लिए अब कौन सा दांव चलते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा। अब तक तो वे किसी न किसी तरीके से अपनी पार्टी और बेटे अखिलेश यादव को बचाते आ रहे हैं। लेकिन अब उनके भाई और सपा में किनारे गए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव निर्णायक लड़ाई की तैयारी में हैं। उन्होंने छह जुलाई की समय सीमा दी है। उस दिन वे समाजवादी सेकुलर मोर्चा का ऐलान करने वाले हैं और कहा जा रहा है कि सपा टूट सकती है।
समाजवादी पार्टी के जानकार सूत्रों का कहना है कि पार्टी के करीब करीब आधे विधायक शिवपाल का साथ दे रहे हैं। हालांकि यह नहीं कहा जा सकता है कि सब टूट कर उनकी पार्टी में चले जाएंगे, लेकिन यह तय है कि 25 के करीब विधायक उनके प्रति सहानुभूति दिखा रहे हैं। ये विधायक चाहते हैं कि शिवपाल को सपा में बड़ी जिम्मेदारी दी जाए। अगर शिवपाल अपने बड़े भाई मुलायम सिंह को समाजवादी सेकुलर मोर्चा का प्रमुख बनने के लिए तैयार कर लेते हैं तो फिर उनके प्रति सहानुभूति रखने वाले 25 के करीब विधायक पाला बदल सकते हैं।
अगर ऐसा होता है तो समाजवादी पार्टी बिल्कुल हाशिए में चली जाएगी। विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी का दर्जा उससे छीन जाएगा और अगले साल वह राज्यसभा की एक भी सीट नहीं जीत पाएगी। यह भी कहा जा रहा है कि बसपा और कांग्रेस में भी टूट फूट हो सकती है। ऐसा हुआ तो विपक्ष अगले साल खाली होने वाली राज्यसभा की दस में से एक भी सीट शायद नहीं जीत पाए। बहरहाल, वह अलग चर्चा का मुद्दा है।
read more –nayaindia
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