सपा सरकार की कार्य शैली का चश्मा नहीं उतार पा रही खाकी

👉 बिल्हौर थाना क्षेत्र के ग्राम बछना का मामला

👉 मामूली विवाद में गाँव के दबंग  परिवार ने किया गरीब परिवार पर जान लेवा हमला

👉 जिन्दगी और मौत से हैलट में जूझ रही पीड़िता

👉 अपराधियों ने कुल्हाड़ी से किया महिला के सर पर जान लेवा हमला, बिल्हौर थाना पुलिस समझौते का डाल रही दबाव

सर्वोत्तम  तिवारी

कानपुर नगर। भले ही उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो चुका है लेकिन कई-कई दिनों से जमे सम्बंधित थानों के थानेदार इस चीज को मानने के लिए तैयार नहीं हैं! भले ही सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ महिला अपराध पर सख्ती की बात कर रहे हों पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है। क्योंकि स्वयम्भू थानेदारों की आंखों में सपा सरकार की कार्यशैली का चश्मा अभी भी चढ़ा हुआ है। आखिर ! हो भी क्यों न क्योंकि यूपी में सत्ता परिवर्तन के बाद जिले के थानों में तैनात सभी थानेदार उस तरह नहीं फेंटे गये जैसे कि पिछली सरकारों के सत्ता में आते ही रातों-रात सम्बंधित थानेदार फेंटे जाते रहे हैं। उसी का नतीजा है कि आज हर तरफ त्राहि-त्राहि मची है और सम्बंधित थाना क्षेत्रों की पुलिस लाचार पीड़ितों पर सिर्फ और सिर्फ समझौते का दबाव डाल रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बिल्हौर थाना क्षेत्र के ग्राम बछना में वित्त पोषित शिक्षक राम विनोद पाल उम्र लगभग 50 वर्ष परिवार समेत निवास करते हैं। इनके परिवार में 3 बेटियां व 2 बेटे हैं। विगत सात माह पूर्व हुये मामूली विवाद की रंजिश में गाँव के ही आपराधिक और दबंग  परिवार ने गाँव के ही पीड़ित पाल परिवार पर विगत दिनों जो नंगा नाच कर के पूरे परिवार की महिलाओं समेत जो कहर ढाया वो भूलने काबिल नहीं हैं। बिल्हौर थाना क्षेत्र के ग्राम बछना में  पीड़ित परिवार की लड़की प्रियंका ने बताया कि करीब सात माह पूर्व परिवार के ही बाबा की बकरी चोरी हुई थी।

जिसमें गाँव के ही एक  परिवार का नाम आया था। उसमें उस समय बकरी को ढूढ़ने में मेरे भाइयों ने बाबा की मदद की थी, उस समय गांव के ही जगदीश उर्फ पप्पू, शेर सिंह, ज्ञान सिंह, राम नाथ उर्फ उदन पुत्र स्व0 भीखा तब से (विपक्षी  परिवार) मेरे परिवार से रंजिश मानता है। पीड़िता ने बताया कि मेरी छोटी बहन चंचल उम्र लगभग 19 वर्ष विगत  25 मई की शाम लगभग सवा पांच बजे खेतों पर चारा काटने जा रही थी जिसमें पहले से ही घात लगाये बैठे उपरोक्त  परिवार के सदस्यों ने मेरी छोटी बहन को घेर लिया और गाली गलौज व मारपीट करने लगे जिसकी सूचना पाकर मेरे मां बाप मौके पर पहुंचे तो दबंग  परिवार ने मेरे मां बाप व भाई पर कुल्हाड़ी व लाठी डण्डों से ताबड़तोड़ वार करना शुरू कर दिया। जिसमें मेरी मां के सर और पूरे शरीर पर गंभीर चोंटे आईं और मेरे पापा, भाई, छोटी बहन चंचल को भी गम्भीर चोंटे आईं हैं। मौके पर 100 नम्बर डायल करने पर पहुंची थाना पुलिस ने मेरी माँ बाप भाई का गंभीर हालत बिल्हौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल कराया, हालत नाजुक देख डॉक्टरों ने मेरी माँ को हैलट रेफर कर दिया। 25 तारीख की शाम से जान लेवा हमले की शिकार पीड़िता हैलट के वार्ड नम्बर 22 बेड नम्बर 3 पर जिन्दगी और मौत से जूझ रही है।

लेकिन 4 दिन बीत जाने के बाद भी सम्बंधित थाना पुलिस अपराधियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रही है उल्टे पीड़ित परिवार पर दबाव डालकर समझौते का प्रयास कर कर रही है।

पीड़िता के परिवार ने बताया कि सम्बंधित थाना पुलिस समझौता न करने के एवज में पीड़ित परिवार के सदस्यों पर ही छेड़खानी का मुकदमा दर्ज करने की बात कर रही है। और विरोधियों द्वारा पीड़ित परिवार को समझौता न करने पर बराबर जान से मारने की धमकी दी जा रही हैं।
आखिर ऐसी स्थिति में कैसे कहा जा सकता है कि सूबे में अपराधी और अपराध पर अंकुश लग सकता है जब सम्बंधित हुक्मरान ही अपराधियों पर अंकुश लगाने के बजाय पीड़ित परिवार पर ही समझौते का दबाव डाल रहे हों।

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