
ये बड़ा हैरान करने वाला है कि सीबीआई ने बिना किसी शुरुआती जांच के NDTV के दफ़्तरों और उसके प्रमोटर्स के घरों की तलाशी ली. ये प्रेस की आज़ादी पर खुला राजनीतिक हमला है. सूत्रों ने पुष्टि की है कि सरकार के दबाव में सीबीआई को एक व्यक्ति की ग़लत शिकायत के आधार पर एफ़आईआर दायर करने के लिए मजबूर किया गया. ये व्यक्ति NDTV से असंतुष्ट उसी का एक पूर्व कंसल्टेंट संजय दत्त है जो झूठे आरोप लगाता रहा है और उनके आधार पर अदालतों में केस दायर करता रहा है. संजय दत्त अभी तक इनमें से किसी भी अदालत से कोई भी आदेश लाने में नाकाम रहा है.
क़ानून के जानकार हैरान हैं कि जहां अदालतें इतने सालों तक उसकी शिकायतों पर आदेश देने से इनकार करती रहीं वहीं सीबीआई ने उसकी एक निजी शिकायत पर छापे डाल दिए.
ये आरोप उस एक लोन से जुड़ा लगता है जिसे प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने सात साल साल पहले ही चुका दिया था. इसे साबित करने लिए दस्तावेज़ हैं कि पूरा कर्ज़ चुका दिया गया था. (दस्तावेज़ नीचे संलग्न है)
ऐसे समय जब कई उद्योगपितयों ने लाखों, करोड़ों रुपये का बकाया नहीं चुकाया है और उनमें से किसी के भी ख़िलाफ़ सीबीआई ने कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं किया तब सीबीआई ने न सिर्फ़ एक एफ़आईआर दर्ज की है, बल्कि ऐसे लोन के लिए तलाशी ली है जिसे ICICI बैंक को विधिवत पूरी तरह चुकाया जा चुका है. ऊपर से ICICI भी एक प्राइवेट बैंक है.
ये आरोप कि SEBI और अन्य रेगुलेटरी संस्थाओं को जानकारी नहीं दी गई, न केवल झूठा और ग़लत है बल्कि इससे सीबीआई को केस दर्ज करने और तलाशी लेने का अधिकार भी नहीं मिल जाता. इससे ये तथ्य स्पष्ट है कि सीबीआई की ये सर्च स्वतंत्र मीडिया को जानबूझकर निशाना बनाने की कोशिश है
NDTV और इसके प्रमोटर्स ने ICICI बैंक या किसी और बैंक का लोन चुकाने में कोई डिफॉल्ट नहीं किया है. हम ईमानदारी और आज़ादी के उच्चतम मानदंडों का पालन करते हैं. ये साफ़ है कि NDTV की टीम की आज़ादी और निडरता को सत्तारूढ़ पार्टी के नेता पचा नहीं पा रहे हैं और सीबीआई का छापा मीडिया का मुंह बंद करने की एक और कोशिश है.
राजनेता हम पर चाहे जितना भी हमला करें. हम भारत में मीडिया की आज़ादी की लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे.
read more- NDTV
Leave a Reply
You must be logged in to post a comment.