अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को पर्यवेक्षक का दर्जा ऐतिहासिक निर्णय संयुक्त राष्ट्र संघ ने दिया,

नयी दिल्ली,11 दिसम्बर 2021,संयुक्त राष्ट्र संघ ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को पर्यवेक्षक का दर्जा दिया है। इससे “एक सूर्य एक विश्व एक ग्रिड” को प्रोत्साहन मिलेगा। यह विश्व के लिए न्यायोचित ऊर्जा समाधान प्रस्तुत करने में सहायक होगा।

केंद्रीय बिजली तथा एमएनआरई मंत्री आर . के. सिंह ने एक बधाई ट्वीट में कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को पर्यवेक्षक का दर्जा देने का ऐतिहासिक निर्णय माननीय प्रधानमंत्री के एक सूर्य एक विश्व एक ग्रिड के विजन को आगे बढ़ाने में एक प्रारंभिक प्रयास होगा। सिंह ने इस अवसर पर ट्वीट किया और कहा कि इससे सौर ऊर्जा की तैनाती के माध्यम से उचित और न्यायसंगत ऊर्जा समाधान प्रस्तुत करने की पहल को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।

सिंह ने यह भी कहा कि इससे वैश्विक सहयोग के माध्यम से शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में अत्यधिक सहायता मिलेगी।उन्होंने फिर से पुष्टि की कि भारत बिजली मिश्रण में आरई का महत्वपूर्ण हिस्सा रखने के जरिए इस मिशन में उत्तरोत्तर योगदान दे रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय सोलर गठबंधन (आईएसए) एक संधि आधारित अंतर-सरकारी संगठन है जो सौर ऊर्जा के लाभों का दोहन करने और स्वच्छ ऊर्जा अनुप्रयोगों को बढ़ावा देने के लिए एक वैश्विक बाजार प्रणाली बनाने की दिशा में कार्यरत है। इस वैश्विक समूह में 75 हस्ताक्षरकर्ता देशों के साथ, आईएसए एक बहु-हितधारक पारितंत्र बनाता है जिसमें संप्रभु राष्ट्र, बहुपक्षीय संगठन, उद्योग, नीति-निर्माता और नवप्रवर्तक मिलकर, एक सुरक्षित और धारणीय विश्व की ऊर्जा मांगों को पूरा करने के सामान्य और साझा लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में मिलकर काम करते हैं।

आइये आपको बताते चले कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन(आईएसए) क्या है , इसकी स्थापना करने वाली पेरिस घोषणा में कहा गया है कि सोलर उत्पादन परिसंपत्तियों की स्थापना हेतु वित्त और प्रौद्योगिकी की लागत कम करने के लिए नवप्रवर्तक और ठोस प्रयास करने के लिए देशों की सामूहिक साझी महत्त्वाकांक्षाएं हैं। 2030 तक 1000 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक राशि जुटाते हुए, सदस्य देशों की जरूरतों के लिए भावी सोलर उत्पादन, भंडारण और प्रौद्योगिकियों का मार्ग प्रशस्त करना आईएसए का उद्देश्य है। आईएसए के उद्देश्यों की प्राप्ति सदस्य देशों में जलवायु कार्रवाई को भी सुदृढ़ बनाएगी, जिससे उन्हें उनके राष्ट्रीय निर्धारित योगदान (एनडीसी) में व्यक्त प्रतिबद्धताएं पूरी करने में मदद मिलेगी।

इसका उद्देश्य है कि एतद्‌द्वारा पक्ष एक अंतर्राष्ट्रीय सोलर गठबंधन (यहां से आगे आईएसए कहा गया है) की स्थापना करते हैं, जिसके माध्यम से वे अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप सौर ऊर्जा विस्तार से जुड़ी प्रमुख साझा चुनौतियों का सामूहिक रूप से समाधान करेंगे।एक विश्व, एक सूर्य, एक ग्रिड को साकार करना ही आईएसए का विज़न है।
वैश्विक सोलर बाजार के विकास में आईएसए चार-पहलू वाली भूमिका निभाता है: यह एक एक्सीलेरेटर (गतिवर्धक), एक इनेबलर (सक्षमकर्ता), एक इनक्यूबेटर (विकासकर्ता) और एक फैसिलिटेटर (सुविधादाता) है।

@फोर्थ इंडिया न्यूज़ टीम