अधिवक्ताओं पर सेवाकर के खिलाफ देश भर में दायर याचिकाओं की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट करेगा: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली – वरिष्ठ वकीलों पर सेवाकर लगाने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली तमाम याचिकाओं को दिल्ली उच्च न्यायालय को स्थानांतरित कर दिया गया है। उच्चतम न्यायालय ने आज यह आदेश दिया। देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित ऐसी सभी याचिकाओं की सुनवाईअब दिल्ली उच्च न्यायालय में एक साथ होगी।

न्यायमूर्त िमदन बी. लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ ने इससे संबंधित केन्द्र की याचिका को स्वीकार कर लिया। केन्द्र ने अपनी याचिका में वकीलों पर सेवाकर लगाने के खिलाफ विभिन्न उच्च न्यायालयों में दायर मामलों को एक उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का आग्रह किया था।

सोलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने पीठ से कहा कि इस मामले से संबंधित याचिकायें दिल्ली, कोलकाता, इलाहाबाद, गुजरात, केरल, पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना उच्च न्यायालयों में लंबित हैं। उन्होंने पीठ से कहा, हमारा आग्रह है कि इन मामलों को किसी एक उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिये।

मामले में हालांकि, प्रतिवादी पक्ष का कहना है कि केन्द्र के यह स्पष्ट कर दिये जाने के बाद कि सेवाकर, अब जीएसटी, का भुगतान रिवर्स चार्ज आधार पर किया जायेगा यानी इस मामले में कर का भुगतान करने वाले को ही जीएसटी वसूल कर उसे सरकारी खाते में डालना होगा। इस स्पष्टीकरण के बाद कोई मुद्दा नहीं रह जाता है।

सुनवाई के दौरान पीठ को सूचित किया गया कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने इससे पहले एक अंतरिम आदेश पारित करते हुये केन्द्र की अधिसूचना पर अंतरिम आदेश के जरिये स्थगन लगा दिया था। यह स्थगन केन्द्र की वरिष्ठ अधिवक्ताओं पर एक अप्रैल 2016 से 14.5 प्रतिशत की दर से सेवाकर लगाने की अधिसूचना पर था।

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