अब बाबा रामदेव से कोर्ट नाराज, बड़ी डील का खुलासा, मामले में दीपक सिंघल का भी आया नाम

नई दिल्ली : अरबों रुपये की दौलत हथियाने वाले बलात्कारी बाबा राम रहीम के बेनक़ाब होने के बाद अब अदालत ने बाबा रामदेव की सैकड़ों करोड़ के जमीन सौदों को खंगालना शुरू कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस सिलसिले में गौतमबुद्ध नगर (नॉएडा) में बाबा रामदेव को अखिलेश सरकार के हाथों दी गई जमीन पर हो रहे निर्माण कर रोक लगाने का आदेश दिया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट कोर्ट में दी गई एक याचिका के मुताबिक बाबा रामदेव को दी गई सैकड़ों करोड़ की जमीन में बड़ा घपला है। इस घपले में उत्तरप्रदेश के पूर्व चर्चित आईएएस अफसर दीपक सिंघल का नाम भी आया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक यूपी के पूर्व मुख्यसचिव दीपक सिंघल ने बाबा रामदेव को जमीन दिलाने में अहम भूमिका निभायी। न्यूज़ वेबसाइट डीएनए के मुताबिक बाबा रामदेव को अरबों रूपये का फायदा पहुँचाने वाले दीपक सिंघल को इस डील के बदले में पतंजलि प्रोडेक्ट के सेल्स और मार्केटिंग के अधिकार दिए गए।

क्या है पूरा मामला 

नोएडा निवासी असफ खान ने कहा था कि उन्हें पेड़ लगाने के लिए यूपी सरकार द्वारा 30 साल के पट्टे पर आबंटित 200 बीघा जमीन उस 4500 एकड़ में चली गई है जो पतंजलि योग संस्थान को आबंटित की गई है। असफ का यह भी कहना है कि फूड पार्क की स्थापना में करीब 6000 पेड़ों को काट दिया जाएगा जिससे उस इलाके में पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचेगा।

इस मामले में सुनवाई के दौरान बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरुण अग्रवाल और जस्टिस अशोक कुमार बेंच ने सचिव औद्योगिक विकास से इस मामले में हलफनामा मांगते हुए पूछा है कि पतंजलि आयुर्वेद को पट्टे की जमीन कैसे दे दी गई? कोर्ट ने यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ से भी जवाब मांगा है और पूछा है कि जमीन पर लगे हरे पेड़ किस कानून के तहत नष्ट किए गए।

अदालत ने कहा कि पेड़ काटने के समय मौजूद अधिकारियों की जानकारी दी जाये। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील से पूछा था कि, किसके आदेश पर हरे पेड़ों पर बुलडोजर चलाए गए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ के कमिश्नर से कहा कि यह बताया जाए कि जेवर तहसील को यह जमीन कैसे मिली थी और कैसे असफ खान को दी गई। साथ ही पूछा गया है कि किस आधार पर जमीन असफ खान से वापस ली गई।

रिपोर्ट के अनुसार तहसीलदार जेवर (गौतम बुद्ध नगर) अभय कुमार ने पीठ से कहा कि बाबा रामदेव की कंपनी को आवंटित की गई जमीन को कभी भी अधिग्रहित नहीं किया गया था। और न ही इस जमीन का कोई मुवावजा कभी किसानों को दिया गया। गौरतलब है कि इस जमीन पर 4500 एकड़ में पतंजलि आयुर्वेद कंपनी के फूड पार्क का निर्माण हो रहा है।

ये जमीन यूपी की पूर्व अखिलेश यादव सरकार ने बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि योग संस्थान को नोएडा के कादलपुर व शिलका गांव में पट्टे पर दी थी। यह जमीन यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के तहत आती है। लेकिन अब कोर्ट के निर्देश के बाद बाबा रामदेव का ये ड्रीम प्रोजेक्ट अधर में लटक गया है।

 

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