आईआईई, गुवाहाटी ने पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में ,आईआईएम, शिलांग के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए,

असम,गुवाहाटी, 01 जुलाई 2022,पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) में उद्यमशीलता इकोसिस्‍टम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, भारतीय उद्यमिता संस्थान (आईआईटी ), गुवाहाटी ने पूर्वोत्‍तर क्षेत्र (एनईआर) में उद्यमिता इकोसिस्‍टम को बढ़ावा देने के लिए भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग (आईआईएमएस) के ऊष्मायन और उद्यम सहायता केन्‍द्र के साथ आज एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

इस साझेदारी का उद्देश्य पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में उद्यमिता, ऊष्मायन और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करना है। प्रबंधन, उद्यमिता और कौशल विकास के क्षेत्रों में व्यावसायिक विकास में सहयोग करने और पूर्वोत्‍तर में क्षमता निर्माण और उद्यमिता संवर्धन की बड़ी मांग को पूरा करने के लिए, संस्थान एक दूसरे को सहयोग करेंगे और सूचना और संसाधनों का आदान-प्रदान करेंगे।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि पूर्वोत्तर में जबरदस्त संभावनाएं हैं जिन्‍हें अभी खोजने का इंतजार है। यह साझेदारी एक ऐसा माहौल बनाने में मदद करेगी जहां स्टार्टअप और उद्यमी न केवल स्थानीय लोगों का सहयोग करके और उन्‍हें प्रोत्साहित करके क्षेत्र में फल-फूल सकेंगे बल्कि एक सफल व्‍यवसाय को चलाने के लिए उन्‍हें औपचारिक प्रशिक्षण, व्‍यावसायिक संरक्षण और तकनीकी जानकारी तक पहुंच प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य एक उद्यमशीलता सक्षम इकोसिस्‍टम को बढ़ावा देना है जो पूर्वोत्तर में नवाचार और विकास को बढ़ावा देता है।

इस पहल पर सहयोग करके, दोनों संस्थान पूर्वोत्‍तर और व्‍यापक रूप से देश में बड़े पैमाने पर कौशल विकास को बढ़ावा देने में एक-दूसरे की ताकत से लाभान्वित होंगे। संस्‍थान उद्यमिता विकास पर मिलकर प्रमाणित पाठ्यक्रम करा सकेंगे, स्‍टार्ट अप को प्रशिक्षण दे सकेंगे तथा भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग (आईआईएमएस) के ऊष्मायन और उद्यम सहायता केन्द्र के तहत विकसित हो सकेंगे। वे इस क्षेत्र में शैक्षिक व्याख्यान, कार्यशालाओं, प्रदर्शनियों और अन्य ज्ञान प्रसार कार्यक्रमों को भी बढ़ावा देंगे। दोनों संस्थान इनक्यूबेट्स और लाभान्वितों के अनुसंधान कार्य के लिए प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों, ऊष्मायन केन्द्रों आदि जैसी बुनियादी सुविधाओं को एक-दूसरे के साथ साझा करेंगे। दोनों संस्थानों के संकाय ऊष्मायन केंद्र के लिए संरक्षण, प्रशिक्षण, कार्यशालाओं और मूल्यांकन निर्णायक मंडल का हिस्सा होंगे। @ फोर्थ इंडिया न्यूज़ टीम